क्या लोकतंत्र को खत्म होने से बचाने की लड़ाई तेजस्वी ने 'एसआईआर' मुद्दे पर बिहार चुनाव बॉयकॉट करने का संकेत दिया?

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क्या लोकतंत्र को खत्म होने से बचाने की लड़ाई तेजस्वी ने 'एसआईआर' मुद्दे पर बिहार चुनाव बॉयकॉट करने का संकेत दिया?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनावों से पहले तेजस्वी यादव ने 'एसआईआर' मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एनडीए सरकार और चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वे लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। क्या आरजेडी चुनावों का बॉयकॉट करेगी? जानिए उनके बेबाक जवाब।

Key Takeaways

  • तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • विशेष गहन पुनरीक्षण चुनावों को प्रभावित कर सकता है।
  • यदि चुनाव ईमानदारी से नहीं होते, तो चुनाव बॉयकॉट की संभावना है।
  • मतदाता अधिकारों का संरक्षण आवश्यक है।
  • महागठबंधन में सीटों का बंटवारा जल्द होगा।

पटना, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसके पहले चुनाव आयोग द्वारा राज्यभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया जा रहा है, जिससे प्रदेश की राजनीति का तापमान बढ़ा हुआ है। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर लगातार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार और चुनाव आयोग को घेरने में जुटे हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने बुधवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत की और कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। तेजस्वी ने एनडीए पर संविधान को खत्म करने और राजशाही लाने का गंभीर आरोप लगाते हुए विधानसभा चुनाव को बॉयकॉट करने का संकेत दिया।

सवाल: क्या बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर आरजेडी विधानसभा चुनाव का बॉयकॉट कर सकती है?

जवाब: इस मुद्दे पर हम जनता से बात करेंगे। जब चुनाव ईमानदारी से नहीं होंगे, और जब भारतीय जनता पार्टी द्वारा दी गई वोटर लिस्ट पर चुनाव होगा, तो ऐसे चुनाव का क्या मतलब है? चुनाव आयोग मौजूदा सरकार का कार्यकाल बढ़ा सकता है। वे खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे हैं, ऐसे में चुनाव कराने का क्या अर्थ है? मौजूदा सरकार का ही कार्यकाल बढ़ा देना चाहिए। इस स्थिति में लोकतंत्र नहीं बचेगा। एक ओर, सत्ताधारी लोग लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हम इसे बचाने में लगे हुए हैं।

सवाल: क्या बिहार चुनाव को कंप्रोमाइज किया जा सकता है? विपक्ष विधानसभा चुनाव को बॉयकॉट करके प्रत्याशियों को खुद से लड़ने को कह सकता है?

जवाब: इस पर भी चर्चा की जा सकती है। हम देखेंगे कि जनता क्या चाहती है और सभी की राय क्या है। यदि सत्ता पक्ष खुलकर भ्रष्टाचार करता है, तो फिर चुनाव होना ही नहीं चाहिए।

सवाल: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं। इस पर आपकी क्या राय है?

जवाब: भाजपा कार्यकर्ताओं के एक पते पर 70 लोगों के फर्जी वोट बनाए गए। यह वोट चोरी का स्पष्ट प्रमाण है। हम और भी ऐसे मामलों का पर्दाफाश करेंगे। चंडीगढ़ में वोटों की चोरी की स्थिति सबने देखी है। अधिकारी फर्जी काम कर रहे थे, और सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए फटकार लगाई थी। ऐसे में भाजपा और चुनाव आयोग इसी तरह काम कर रहे हैं। जनता जागेगी तो उन्हें इसका माकूल जवाब मिलेगा।

सवाल: बिना चर्चा के बिहार विधानसभा का मानसून सत्र नहीं चलने देने पर आप क्या कहेंगे?

जवाब: हम जनप्रतिनिधि हैं, चाहे वे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, मंत्री, विधायक या सांसद हों। हमें जनता वोट देती है। यदि वोटर्स का नाम ही कट जाएगा, तो हमारा क्या काम रह जाएगा? यदि हम उनकी रक्षा नहीं कर पाएंगे, जो हमें चुनकर संसद में भेजते हैं, तो हमारा क्या फायदा? लोकतंत्र के मंदिर (विधानसभा) में यदि चर्चा नहीं होगी, तो सदन का क्या मतलब? हमें इस पर चर्चा करनी चाहिए। वोट का अधिकार ही नहीं खत्म किया जा रहा, बल्कि अस्तित्व ही खत्म किया जा रहा है। संविधान कहता है कि 18 साल से अधिक आयु के लोग वोट दे सकते हैं। लेकिन, जिनका नाम वोटर लिस्ट से हट जाएगा, वे एक तरह से नागरिक नहीं रहेंगे। यदि वे नागरिक हैं, तो उन्हें वोट देने दें। यह एक बड़ी लड़ाई है।

सवाल: महागठबंधन में सीटों का बंटवारा कब तक होगा?

जवाब: सब कुछ तय हो चुका है। कुछ दिनों में विपक्ष के लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सभी बातें सामने रख देंगे।

सवाल: सत्तापक्ष बार-बार लालू यादव के शासनकाल को याद दिलाते हुए जंगलराज का उदाहरण देते हैं। इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब: वर्तमान सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है, इसलिए वे किसी और को दोष दे रहे हैं। अगर उनके पास कोई उपलब्धि होती, तो वे उस पर बात करते। लेकिन उनके पास कोई विजन या रोडमैप नहीं है। वे बिहार की तरक्की नहीं बल्कि अपनी कुर्सी बचाना चाहते हैं।

सवाल: जेडीयू में मांग उठ रही है कि निशांत को राजनीति में आना चाहिए। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

जवाब: अगर कोई नया व्यक्ति राजनीति में आता है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन यह निर्णय निशांत और उनके पिता को लेना है। अब निशांत राजनीति में आना चाहते हैं, नीतीश कुमार भी उन्हें लाना चाहते हैं। क्या उन्हें कोई रोक रहा है? लेकिन एक बात तय है कि यह नीतीश कुमार का आखिरी चुनाव है, वह मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं, और जदयू पार्टी खत्म होने जा रही है।

Point of View

यह दर्शाता है कि विपक्ष लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए गंभीर है। इस मुद्दे पर जनता की आवाज़ सुनना महत्वपूर्ण है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या तेजस्वी यादव चुनाव बॉयकॉट करने का इरादा रखते हैं?
तेजस्वी यादव ने संकेत दिया है कि यदि चुनाव ईमानदारी से नहीं होते हैं, तो वे चुनाव बॉयकॉट पर विचार कर सकते हैं।
क्या विशेष गहन पुनरीक्षण से चुनाव प्रभावित होगा?
विशेष गहन पुनरीक्षण से मतदाता सूची में बदलाव हो सकता है, जो चुनावों को प्रभावित कर सकता है।
तेजस्वी यादव ने एनडीए पर कौन से आरोप लगाए हैं?
तेजस्वी यादव ने एनडीए पर संविधान को खत्म करने और राजशाही लाने का आरोप लगाया है।
क्या बिहार चुनावों में मतदाता अधिकार सुरक्षित रहेंगे?
यदि वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाते हैं, तो मतदाता का अधिकार समाप्त हो सकता है।
महागठबंधन में सीटों का बंटवारा कब होगा?
महागठबंधन में सीटों का बंटवारा कुछ दिनों में तय कर लिया जाएगा।