क्या भाजपा सरकार गरीबों के साथ कर रही अन्याय, मनरेगा को बंद करना चाह रही है? : हरेंद्र मलिक
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा योजना गरीबों के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण साधन है।
- भाजपा सरकार पर गरीबों के साथ अन्याय करने का आरोप।
- हरेंद्र मलिक का कहना है कि राज्य सरकार को अब और अधिक वित्तीय बोझ उठाना पड़ेगा।
- सरकार की नीतियों का गरीबों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
- महात्मा गांधी का नाम हटाने पर सवाल उठाए गए।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा का नाम बदलने को लेकर संसद भवन में विपक्ष के सांसदों ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। समाजवादी पार्टी के सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि भाजपा गरीबों के साथ अन्याय कर रही है और मनरेगा को समाप्त करने का प्रयास कर रही है।
हरेंद्र मलिक ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि देश के गरीबों को मजदूरी के माध्यम से जो रोजगार का अवसर मिला था, उसे केंद्र सरकार खत्म करने पर तुली हुई है। पहले इसमें 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती थी जबकि 10 प्रतिशत राज्य सरकार को देना होता था। अब केंद्र सरकार ने 10 प्रतिशत राशि बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी है।
उन्होंने कहा कि अब न तो राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि देगी और न ही केंद्र सरकार से 60 प्रतिशत मांगने जाएगी। इससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार गरीबों की रोजी-रोटी छीनने का काम कर रही है। पहले की सरकार ने जितनी कल्याणकारी योजनाएं चलाई थीं, उन्हें ये बंद कर रहे हैं या ऐसा बदलाव कर रहे हैं कि वो अपने आप बंद हो जाएं।
हरेंद्र मलिक ने कहा कि समझ नहीं आता कि महात्मा गांधी और गरीब लोगों से भाजपा को क्या परेशानी है, इसलिए उनका नाम हटा रहे हैं। यह देश गांधी का है, फिर भी भाजपा को समझ में नहीं आ रहा है।
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बता दें कि होसबाले ने बुधवार को गोरखपुर के खोराबार मैदान में आयोजित ‘हिंदू सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा था कि सूर्य नमस्कार और प्राणायाम को संकीर्ण धार्मिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। अगर मुसलमान भी पर्यावरण की दृष्टि से नदियों और पेड़ों की पूजा करें, सूर्य नमस्कार करें या प्राणायाम करें, तो उनका क्या बिगड़ जाएगा?