क्या 35 करोड़ की ठगी से जुड़े गिरोह का एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है?

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क्या 35 करोड़ की ठगी से जुड़े गिरोह का एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है?

सारांश

नोएडा की साइबर क्राइम पुलिस ने एक महत्वपूर्ण आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 35 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी में शामिल था। यह मामला चाइनीज साइबर ठगों से भी जुड़ा है। जानिए कैसे हुई यह गिरफ्तारी और इससे जुड़े अन्य विवरण।

Key Takeaways

  • गिरोह द्वारा की गई ठगी की राशि 35 करोड़ रुपए से अधिक है।
  • सुधाकर गर्ग का संबंध चाइनीज साइबर ठगों से है।
  • पुलिस ने चार अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया है।
  • साइबर क्राइम के खिलाफ सतर्क रहने की आवश्यकता है।
  • धोखाधड़ी के मामलों में उचित जांच जरूरी है।

नोएडा, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा की साइबर क्राइम पुलिस ने शेयर मार्केट में निवेश करके भारी मुनाफा कमाने का झांसा देकर देशभर में लगभग 35 करोड़ रुपए से अधिक की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी का संबंध चाइनीज साइबर ठगों से जोड़ा जा रहा है। पुलिस ने आरोपी सुधाकर गर्ग को हरियाणा के रोहतक से पकड़ लिया है।

पुलिस के अनुसार, सूचना के आधार पर सुधाकर गर्ग (उम्र 40 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। आरोपी पर एक पीड़ित से शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस संबंध में 3 दिसंबर को थाना साइबर क्राइम गौतमबुद्धनगर में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी की पहचान इंस्टाग्राम के जरिए राशिद खान उर्फ लकी नामक व्यक्ति से हुई थी। राशिद खान ने सुधाकर गर्ग को जीएसटी फर्म और करंट बैंक खाते खुलवाने के लिए प्रेरित किया और इसके बाद उसे मुंबई बुलाया गया।

गिरोह द्वारा इन बैंक खातों का प्रयोग साइबर फ्रॉड से प्राप्त धनराशि को ट्रांसफर करने में किया जाता था। जांच में यह भी सामने आया कि धोखाधड़ी की रकम के बदले आरोपियों को 7 से 10 प्रतिशत तक नकद कमीशन मिलता था, जबकि खाताधारकों को 1 से 3 प्रतिशत के अनुपात में क्रिप्टोकरेंसी दी जाती थी। बाद में इस क्रिप्टो को बाइनेंस और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बेचकर रकम यूपीआई के जरिए विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी जाती थी।

पुलिस के अनुसार, सुधाकर गर्ग पिछले एक वर्ष से साइबर अपराधों में लिप्त था और उसके कुल पांच बैंक खातों का उपयोग ठगी में किया गया। एनसीआरपी पोर्टल पर इन खातों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों से कुल 37 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इस मामले में पहले ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

इसी बीच, दो सह-आरोपियों को मुंबई पुलिस और दो को हैदराबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सुधाकर गर्ग के खिलाफ पहले भी हरियाणा, दिल्ली और बेंगलुरु में धोखाधड़ी और साइबर क्राइम से जुड़े कई मामले दर्ज हैं।

साइबर क्राइम नोएडा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार के निवेश से जुड़े ई-मेल, लिंक या संदेशों पर बिना सत्यापन भरोसा न करें। शेयर ट्रेडिंग या आईपीओ में निवेश केवल अधिकृत बैंक या विश्वसनीय डीमैट सेवा प्रदाता के माध्यम से ही करें। नोएडा पुलिस की इस कार्रवाई को अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी के मामलों में से एक माना जा रहा है, जिसके तार अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह से जुड़े बताए जा रहे हैं।

Point of View

बल्कि यह हमें बताता है कि कैसे साइबर अपराध हमारी सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। हमें सतर्क रहना चाहिए और किसी भी निवेश के लिए उचित सावधानी बरतनी चाहिए।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

सुधाकर गर्ग को कब गिरफ्तार किया गया?
सुधाकर गर्ग को 18 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया।
गिरोह ने कितनी ठगी की है?
गिरोह ने लगभग 35 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है।
पुलिस ने कितने अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है?
पुलिस ने पहले ही चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
क्या यह मामला चाइनीज साइबर ठगों से जुड़ा है?
हां, आरोपी का संबंध चाइनीज साइबर ठगों से जोड़ा जा रहा है।
साइबर क्राइम के खिलाफ जनता को क्या सलाह दी गई है?
पुलिस ने अपील की है कि बिना सत्यापन के किसी भी निवेश से जुड़े ई-मेल या लिंक पर भरोसा न करें।
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