क्या छांगुर बाबा ने लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया?

सारांश
Key Takeaways
- इस्लाम में धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं है यदि यह लालच या दबाव के अंतर्गत हो।
- भारतीय संविधान के अंतर्गत भी धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से होना चाहिए।
- मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है।
- अवैध धर्मांतरण के खिलाफ निष्पक्ष और कानून के दायरे में कार्रवाई की आवश्यकता है।
- धर्म परिवर्तन के मामले में सत्यता की जांच आवश्यक है।
बरेली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ अवैध धर्मांतरण के मामले में मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने छांगुर बाबा के द्वारा किए गए कथित अवैध धर्मांतरण की निंदा करते हुए कहा कि इस्लाम जुल्म, लालच या दबाव के माध्यम से धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं देता।
मौलाना ने बताया, "इस्लाम स्पष्ट रूप से कहता है कि धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से और खुशी-खुशी होना चाहिए। यदि छांगुर बाबा ने लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया, तो यह गैरकानूनी और इस्लाम के उसूलों के खिलाफ है।"
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने आगे कहा कि भारतीय संविधान में साफ है कि लालच या दबाव से धर्म परिवर्तन करवाना गैरकानूनी है। यदि छांगुर बाबा ने ऐसा किया, तो यह एक जुर्म है और कानून के तहत दंडनीय है।
उन्होंने कहा, "इस्लाम अपने अनुयायियों को इस बात की इजाजत नहीं देता कि भय, जुल्म, या लालच के जरिए धर्म परिवर्तन कराया जाए। इस्लाम इस सबकी मनाही करता है। यदि कोई अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाता है, तो इसे इस्लाम की तरफ से स्वीकार किया जाता है। हमारे कानून में भी इसकी इजाजत है। इस्लाम में स्पष्ट है कि लालच देकर किसी का धर्म नहीं बदला जा सकता। यदि कोई ऐसा कर रहा है, तो वह मुजरिम है।"
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि अवैध धर्मांतरण के खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन यह कार्रवाई निष्पक्ष और कानून के दायरे में होनी चाहिए। छांगुर बाबा के मामले में पूरी जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए।
इससे पहले, शहाबुद्दीन रजवी ने कांवड़ यात्रा का स्वागत करते हुए बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि जहां-जहां से कांवड़ यात्रा निकले, मुस्लिम समाज के लोग उस रास्ते पर पुष्प वर्षा करें और पानी पिलाकर कांवड़ियों का स्वागत करें।