क्या चेन्नई में अड्यार नदी के मुहाने पर ड्रेजिंग कार्य से बाढ़ को रोका जा सकेगा?

सारांश
Key Takeaways
- ड्रेजिंग कार्य से अड्यार नदी के जलस्तर को नियंत्रित किया जा सकेगा।
- बाढ़ के खतरे की संभावना कम होगी।
- झील से पानी छोड़ने की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
- मौसमी बारिश के दौरान जलभराव की समस्या कम होगी।
- स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
चेन्नई, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यन ने गुरुवार को चेन्नई के बेसेंट नगर में अड्यार नदी के मुहाने का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने उत्तर-पूर्वी मानसून को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे ड्रेजिंग कार्यों की समीक्षा की। सेम्बरमबक्कम झील से अड्यार नदी में पानी छोड़ा जा रहा है और इसकी निगरानी के लिए यह निरीक्षण किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सेम्बरमबक्कम झील का जलस्तर 21.27 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि इसकी कुल क्षमता 24 फीट है। वर्तमान में झील से 750 घन फीट पानी धीरे-धीरे छोड़ा जा रहा है। अड्यार नदी के मुहाने पर 5,300 घन फीट पानी जमा है। पहले 25,000 घन फीट पानी छोड़ने से बाढ़ का खतरा रहता था। लेकिन, अब ड्रेजिंग और अन्य उपायों के कारण 40,000 घन फीट पानी भी सुरक्षित रूप से समुद्र में छोड़ा जा सकता है। इससे आसपास के इलाकों को बाढ़ से बचाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि नदी के मुहाने की चौड़ाई को 150 मीटर से बढ़ाकर 250 मीटर किया जा रहा है। यह कार्य मानसून समाप्त होने तक जारी रहेगा। वेल्लाचेरी विधायक, दक्षिण चेन्नई के सांसद और अधिकारियों के साथ मिलकर स्वास्थ्य मंत्री ने कार्य की प्रगति का जायजा लिया।
मंत्री ने यह भी कहा कि पहले चेन्नई में बारिश का पानी हफ्तों तक जमा रहता था। लेकिन, पिछले पांच दिनों में 16.9 सेमी बारिश होने के बावजूद जलभराव या यातायात में कोई रुकावट नहीं हुई।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के निर्देश पर पिछले साढ़े चार साल से अड्यार नदी के मुहाने का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इस कार्य से श्रीनिवासपुरम को बाढ़ से बचाया जा रहा है। चक्रवातों के दौरान नदी का मुहाना समुद्री पानी को अंदर आने से रोकता है, जिससे नुकसान कम होता है। यदि झील से 15,000 घन फीट पानी भी छोड़ा जाए, तो वह आसानी से समुद्र में चला जाएगा।