क्या बिहार चुनाव में मतदाता जागरूकता को मिली नई उड़ान, 'चिरैया' बनी शुभंकर?

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क्या बिहार चुनाव में मतदाता जागरूकता को मिली नई उड़ान, 'चिरैया' बनी शुभंकर?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच 'चिरैया' शुभंकर के रूप में नई पहचान बना रही है। यह मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देने का एक अनोखा प्रयास है। मतदाता के अधिकार और कर्तव्यों पर जोर दिया जा रहा है।

Key Takeaways

  • चिरैया बिहार का आधिकारिक शुभंकर है।
  • यह मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देगा।
  • पहली बार मतदाताओं को प्रेरित करेगा।
  • सोशल मीडिया और रैलियों के माध्यम से प्रचारित किया जाएगा।
  • बिहार के चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे।

पटना, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस क्रम में निर्वाचन विभाग ने एक अद्वितीय कदम उठाया है। राज्य स्तरीय शुभंकर (मैस्कॉट) प्रतियोगिता के परिणामस्वरूप 'चिरैया' को बिहार का आधिकारिक शुभंकर घोषित किया गया।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने इसका औपचारिक अनावरण किया। यह चिरैया न केवल लोकतंत्र की उड़ान का प्रतीक बनेगी, बल्कि युवाओं, महिलाओं और पहले बार मतदाता बनने वालों को मतदान के प्रति प्रेरित करेगी। इस कार्यक्रम का आयोजन सरदार पटेल मार्ग पर स्थित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में हुआ।

इस मौके पर चिरैया की छवि को बड़े स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया, जो एक छोटे पक्षी के रूप में डिज़ाइन की गई है, जो हर सुबह नई ऊर्जा के साथ उड़ान भरती दिखाई दे रही है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी गुंजियाल ने अनावरण के बाद कहा, "जिस प्रकार एक चिरैया हर सुबह नई ऊर्जा और आशा के साथ उड़ान भरती है, उसी प्रकार यह शुभंकर हर मतदाता को मतदान के लिए प्रेरित करेगी। चिरैया लोगों को यह याद दिलाएगी कि मतदान केवल अधिकार नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का कर्तव्य भी है। यह हमें यह भी याद दिलाती है कि हर मतदाता की भागीदारी लोकतंत्र की सबसे सुंदर उड़ान है।"

उन्होंने बताया कि यह शुभंकर सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के माध्यम से प्रचारित किया जाएगा। सोशल मीडिया, पोस्टर, बैनर, रैलियों और स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान के जरिए इसे जनता तक पहुंचाया जाएगा। यह शुभंकर प्रतियोगिता अगस्त 2025 में शुरू हुई थी, जिसमें पूरे बिहार से कलाकारों, छात्रों और डिजाइनरों ने भाग लिया।

नालंदा जिले के राहुल कुमार द्वारा डिज़ाइन की गई 'छोटी चिरैया' को पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ। राहुल की कृति को सरलता, सांस्कृतिक जुड़ाव और प्रेरणादायक संदेश के लिए चुना गया। बिहार में चिरैया को स्वतंत्रता और आशा का प्रतीक माना जाता है, जो बिहार की ग्रामीण संस्कृति से जुड़ी है।

इससे पहले राज्य में मतदाता जागरूकता के लिए 'मतराज' जैसे अन्य शुभंकर भी चुने गए थे, लेकिन चिरैया विशेष रूप से युवाओं को आकर्षित करने वाली साबित हो रही है।

अनावरण समारोह के अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अमित पाण्डेय, प्रशांत कुमार सीएचआई, संयुक्त सचिव माधव कुमार सिंह, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मिथिलेश कुमार साहू, अशोक प्रियदर्शी, मनोज कुमार सिंह, रत्नांबर निलय, उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज कुमार, विजय कुमार, अवर निर्वाचन पदाधिकारी कपिल शर्मा, प्रियदर्शी पाल, अवर सचिव प्रमोद कुमार, उदय कुमार, जनसंपर्क पदाधिकारी रंजीत कुमार रंजन सहित निर्वाचन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

भारत निर्वाचन आयोग ने 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में बिहार विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की है, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि 'चिरैया' शुभंकर का चयन केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं है, बल्कि यह बिहार में लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा देने का एक सशक्त प्रयास है। यह पहल न केवल मतदान के महत्व को उजागर करती है, बल्कि युवाओं और महिलाओं को भी इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रेरित करती है।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

चिरैया शुभंकर का क्या महत्व है?
चिरैया शुभंकर लोकतंत्र की उड़ान का प्रतीक है और यह मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा।
मतदाता जागरूकता के लिए क्या योजनाएँ हैं?
मतदाता जागरूकता के लिए सोशल मीडिया, पोस्टर और रैलियों का उपयोग किया जाएगा।
बिहार चुनाव कब होंगे?
बिहार विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।
चिरैया का डिज़ाइन किसने किया?
चिरैया का डिज़ाइन नालंदा जिले के राहुल कुमार ने किया है।
इस शुभंकर को कैसे प्रचारित किया जाएगा?
इस शुभंकर को सभी 38 जिलों में जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के माध्यम से प्रचारित किया जाएगा।