क्या दिल्ली की क्लाउड सीडिंग से हवा को स्वच्छ बनाना संभव है?: सीएम रेखा गुप्ता

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क्या दिल्ली की क्लाउड सीडिंग से हवा को स्वच्छ बनाना संभव है?: सीएम रेखा गुप्ता

सारांश

दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक पूरी हुई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पहल है जो प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और कैसे यह दिल्ली की हवा को स्वच्छ बनाने में सहायक होगी।

Key Takeaways

  • क्लाउड सीडिंग से दिल्ली में प्रदूषण में कमी आएगी।
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग कर कृत्रिम वर्षा संभव है।
  • मुख्यमंत्री ने प्रयास में शामिल सभी को बधाई दी।
  • उपयुक्त मौसम की प्रतीक्षा की जा रही है।
  • यह पहल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली ने प्रदूषण नियंत्रण में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तौर पर अपनी पहली क्लाउड सीडिंग परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस सफलता के लिए मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और सभी अधिकारियों को बधाई दी।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि राजधानी में पहली बार क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम वर्षा की तैयारी पूरी कर ली गई है। विशेषज्ञों ने गुरुवार को बुराड़ी क्षेत्र में इसका सफल परीक्षण किया। मौसम विभाग ने 28, 29 और 30 अक्टूबर को बादलों की उपस्थिति की संभावना जताई है। यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो 29 अक्टूबर को दिल्ली पहली कृत्रिम बारिश का अनुभव करेगी।

उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने का एक वैज्ञानिक तरीका भी स्थापित कर रही है। सरकार का उद्देश्य है कि इस नवाचार के माध्यम से राजधानी की हवा को स्वच्छ और वातावरण को संतुलित बनाया जा सके। इस प्रयास को सफल बनाने में लगे सभी कैबिनेट सहयोगियों और अधिकारियों को शुभकामनाएं।

इससे पहले पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देता हूं, जिनकी वजह से इस अनोखी पहल के लिए सभी अनुमति समय पर प्राप्त हुई। आज की उड़ान तकनीकी रूप से पूरी तरह सफल रही।”

मंत्री ने बताया कि यह परीक्षण उड़ान आईआईटी कानपुर हवाई पट्टी से शुरू होकर कानपुर, मेरठ, खेकरा, बुरारी, सड़कपुर, भोजपुर, अलीगढ़ और कानपुर के मार्ग से हुई। खेकरा और बुरारी के बीच क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स सफलतापूर्वक फायर किए गए, और विमान की कार्यक्षमता, उपकरणों की स्थायित्व और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरा मूल्यांकन किया गया।

उन्होंने कहा, “दिल्ली अपनी पहली कृत्रिम वर्षा अनुभव करने के लिए तैयार है। सभी सिस्टम—विमान से लेकर मौसम और पर्यावरण निगरानी तक—पूरी तरह तैयार हैं। अब केवल उपयुक्त बादलों का इंतजार है, जो 29–30 अक्टूबर के बीच होने वाले वास्तविक सीडिंग के लिए अनुकूल होंगे।”

Point of View

बल्कि यह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भी एक सकारात्मक पहल है। सरकार की यह पहल प्रदूषण को नियंत्रित करने और नागरिकों की भलाई के लिए आवश्यक है।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

क्लाउड सीडिंग क्या है?
क्लाउड सीडिंग एक तकनीक है जिसका उपयोग वर्षा बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें विशेष रसायनों का उपयोग करके बादलों में नमी को बढ़ाया जाता है।
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का उद्देश्य क्या है?
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और राजधानी की हवा को स्वच्छ बनाना है।