क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में सुधार होगा? एक्यूआई 400 के पार
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर है।
- कई स्थानों पर एक्यूआई 400 से ज्यादा है।
- सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण पर सुनवाई जारी है।
- बढ़ते प्रदूषण से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को हवा की गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर स्तर पर बनी रही। राजधानी के ऊपर धुंध की एक मोटी चादर फैली रही।
सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 360 रहा। छह स्थानों पर यह 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है।
अलीपुर में सूचकांक 386, आनंद विहार 384, अशोक विहार 392, चांदनी चौक 383, आईटीओ 394, लोधी रोड 337, मुंडका 396, नेहरू नगर 389 और सिरीफोर्ट में 368 दर्ज हुआ। वहीं बवाना 427, डीटीयू 403, जहांगीरपुरी 407, नरेला 406, रोहिणी 404 और वज़ीरपुर में एक्यूआई 401 तक पहुँच गया, जो सभी गंभीर श्रेणी में आते हैं।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रदूषण में भी सुधार नहीं हो रहा है। यहाँ सोमवार को प्रदूषण बहुत खराब श्रेणी में है। नोएडा के सेक्टर 62 का एक्यूआई 319, सेक्टर 116 का 361, सेक्टर 1 का 361, सेक्टर 125 का 383 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 3 का एक्यूआई 356, नॉलेज पार्क 5 का 416 दर्ज किया गया।
लगातार आबोहवा खराब होने से सांस की समस्या से परेशान मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
इसी बीच, राष्ट्रीय राजधानी और आस-पास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से शुरू होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी जानकारी के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्तियों के. विनोद चंद्रन व एन.वी. अंजारिया की पीठ 17 नवंबर को इस मामले पर आगे सुनवाई करेगी।
पिछली सुनवाई में अदालत ने चिंता जताई थी कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू होने के बावजूद प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से पराली जलाने पर रोक के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में सूचकांक 450 के पार पहुँच गया है।
मुख्य न्यायाधीश की पीठ पहले ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से उसकी निगरानी और कार्रवाई की रिपोर्ट मांग चुकी है और और केंद्र से किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए गिरफ्तारी सहित सख्त दंड पर विचार करने को भी कहा था।