क्या दिल्ली की दीपावली भव्य थी, और छठ पर्व अब दिव्यता से भरपूर होगा?

सारांश
Key Takeaways
- 1000 से अधिक छठ घाट बनाए जा रहे हैं।
- यमुना पर छठ पूजा का प्रतिबंध हटा।
- सभी क्षेत्रों में मॉडल घाट बनाए जाएंगे।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम भोजपुरी और मैथिली में होंगे।
- सरकार स्वच्छता अभियान चला रही है।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस बार दिल्ली की दीपावली भव्य थी, तो श्रद्धा और आस्था का छठ पर्व दिव्यता से भरपूर होगा। सरकार ने छठ पर्व को व्यापक और विस्तृत बनाने की तैयारी पूरी कर ली है, ताकि श्रद्धालु इस पर्व को पूरी शुद्धता और आस्था से मना सकें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार पूरी दिल्ली में 1000 से अधिक छठ घाट बनाए जा रहे हैं, जिनमें यमुना किनारे 17 विशेष और भव्य मॉडल घाट तैयार हो रहे हैं। सरकार की ओर से प्रत्येक उप जिले में भी कम से कम एक मॉडल घाट बनाया जा रहा है। करीब 200 घाटों पर छठ पूजा से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के सभी सांसद, विधायक, पार्षद और जनप्रतिनिधियों ने बुधवार से अपने-अपने क्षेत्रों में बन रहे छठ घाटों पर स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कुछ साल पहले यमुना पर छठ पूजा कर रहे श्रद्धालुओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। सरकार ने इन मुकदमों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
सीएम रेखा गुप्ता ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में छठ पूजा के आयोजन की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि सरकार इस बार छठ पर्व को भव्य बनाने के लिए विशेष तैयारी कर रही है। इस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ दिल्ली सरकार के विकास और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा और मुख्य सचेतक अभय वर्मा भी थे।
उन्होंने कहा कि छठ पूजा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि दिल्ली की आस्था, संस्कृति और श्रद्धा का उत्सव है। वर्षों से यमुना नदी पर छठ पूजा पर लगा सरकारी प्रतिबंध इस बार हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब सरकार स्वयं श्रद्धालुओं के लिए यमुना किनारे सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ पूजा स्थलों का निर्माण कर रही है।
उन्होंने बताया कि यमुना तट पर पल्ला से लेकर कालिंदी कुंज तक कुल 17 प्रमुख स्थलों पर मॉडल छठ घाट बनाए जा रहे हैं। आबादी के हिसाब से इन घाटों की लंबाई आधे किलोमीटर से लेकर डेढ़ किलोमीटर तक होगी। इसके अलावा प्रत्येक जिले और उप जिले में कम से कम एक मॉडल छठ घाट अवश्य बनाया जाएगा ताकि सभी क्षेत्रों के श्रद्धालु सहजता और भक्तिभाव से पूजा कर सकें।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जानकारी दी कि पिछली बार जहां केवल 929 घाटों पर छठ पूजा आयोजित हुई थी, वहीं इस वर्ष अब तक एक हजार से अधिक समितियों ने सरकार से आयोजन की अनुमति मांगी है। इन सभी घाटों पर सरकार की ओर से टेंट, बिजली, स्वच्छता, पेयजल और शौचालय जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए इस बार भव्य स्वागत द्वार बनाए जाएंगे, जहां पुष्पवर्षा कर उनका अभिनंदन किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि करीब 200 से अधिक घाटों पर धार्मिक वातावरण के अनुरूप भोजपुरी तथा मैथिली भाषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। मुख्यमंत्री के अनुसार यह पहली बार होगा जब दिल्ली सरकार स्वयं इतने बड़े पैमाने पर धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बनेगी।
सीएम रेखा गुप्ता ने यह भी बताया कि आज से एक विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत दिल्ली के सभी सांसद, विधायक, पार्षद और अन्य जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों के घाटों पर जाकर सफाई-स्वच्छता अभियान चलाएंगे।
कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि पिछली सरकार के समय वर्ष 2021 में यमुना किनारे छठ पूजा करने गए श्रद्धालुओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे। अब दिल्ली सरकार उन सभी एफआईआर और मामलों को वापस लेगी। पूर्व सरकार द्वारा आस्था पर प्रतिबंध लगाए गए थे, जबकि वर्तमान सरकार आस्था का सम्मान करती है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार दीपावली के अवसर पर दिल्ली ने इतिहास रचा और पहली बार कर्तव्य पथ पर भव्य ड्रोन शो और दीपोत्सव का आयोजन हुआ, उसी प्रकार इस बार की छठ पूजा भी दिव्य और भव्य होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली अब केवल राजनीति की राजधानी नहीं, बल्कि आस्था की भी राजधानी बनने जा रही है। जिस श्रद्धा के साथ दिल्लीवासियों ने दीप जलाए, उसी समर्पण के साथ यमुना तट पर सूर्य देव को अर्घ्य देंगे।