क्या दिल्ली में एनआईए ने माओवादी सदस्य को गिरफ्तार किया है?

सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने माओवादी संदिग्ध की गिरफ्तारी की है।
- गिरफ्तारी के दौरान कई डिजिटल उपकरण बरामद किए गए।
- विशाल सिंह का संबंध सीपीआई (माओवादी) से है।
- यह कार्रवाई उत्तर भारत में माओवादी गतिविधियों को रोकने के लिए की गई है।
- एनआईए ने पहले भी इस मामले में एक अन्य संदिग्ध को गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सीपीआई (माओवादी) की उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो को पुनः मजबूत करने की साजिश से जुड़े एक और प्रमुख संदिग्ध को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार संदिग्ध की पहचान विशाल सिंह के रूप में की गई है, जो उत्तर प्रदेश के मथुरा का निवासी है। एनआईए ने पश्चिमी दिल्ली में उसके निवास की तलाशी के दौरान कई डिजिटल उपकरण जैसे हार्ड ड्राइव, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।
जांच से पता चला है कि यह संदिग्ध सीपीआई (माओवादी) का सक्रिय सदस्य है और उसने बिहार के चकरबंदा/पंचरुखिया के जंगलों में संगठन के नेताओं को एक ड्रोन पहुंचाया था, जिसका उपयोग हिंसक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में किया जाना था।
इसके अतिरिक्त, वह माओवादी कैडरों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दे चुका है और 2019 में बिहार के घने जंगलों में संगठन की केंद्रीय समिति की बैठकों में शामिल हुआ था।
इस मामले में एनआईए ने इससे पहले अगस्त 2024 में अजय सिंगल उर्फ अमन को गिरफ्तार किया था, जो हरियाणा और पंजाब के लिए सीपीआई (माओवादी) की राज्य संगठन समिति का प्रभारी था।
यह मामला माओवादी संगठन की उस गहरी साजिश से जुड़ा है, जिसके तहत वह उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश) में अपनी कमजोर होती पकड़ को पुनः मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।
इस साजिश के तहत शहरी क्षेत्रों में छिपकर काम कर रहे कैडरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से भर्ती और प्रचार गतिविधियां चलाई जा रही थीं।
संगठन ने कई फ्रंटल संगठनों और छात्र संगठनों के जरिए इस अभियान को गति दी। इन गतिविधियों के लिए झारखंड स्थित पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो से वित्तीय सहायता भी मिल रही थी। एनआईए इस मामले में आगे की जांच जारी रखे हुए है।