क्या दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण स्वास्थ्य संकट बन रहा है, एक्यूआई 400 के पार?

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क्या दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण स्वास्थ्य संकट बन रहा है, एक्यूआई 400 के पार?

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है। एक्यूआई 400 के पार पहुंचने से स्वास्थ्य संकट गहरा हो गया है। क्या यह स्थिति और भी गंभीर होगी? जानिए इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बहुत खतरनाक है।
  • बिना मास्क के बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
  • विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
  • हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
  • सरकार को प्रदूषण के खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

नोएडा, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर बढ़ता जा रहा है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार दर्ज किया गया है, जो कि “गंभीर श्रेणी” में आता है।

पर्यावरण मॉनिटरिंग केंद्रों से प्राप्त नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के बवाना में एक्यूआई 460, चांदनी चौक में 455, और आनंद विहार में 431 दर्ज किया गया है। वहीं, नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 419 और गाजियाबाद के वसुंधरा क्षेत्र में 413 तक पहुंच गया है।

वायु प्रदूषण की यह गंभीर स्थिति दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए स्वास्थ्य का बड़ा संकट बन चुकी है। चिकित्सकों ने नागरिकों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि बिना मास्क के बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।

विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और सांस या हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। इस प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई भी हो रही है। एनसीआर के कई सरकारी और निजी अस्पतालों में सांस लेने में कठिनाई, गले में खराश, आंखों में जलन और सीने में दर्द जैसी समस्याओं के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

आरएमएल, सफदरजंग और एलएनजेपी जैसे बड़े अस्पतालों में पिछले सप्ताह में इस तरह के मामलों में 40 से 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता सुनिश्चित की है और इमरजेंसी वार्ड में अतिरिक्त बिस्तर तैयार कर दिए गए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का यह स्तर मुख्य रूप से पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाले धुएं, निर्माण कार्यों और मौसम के ठहराव के कारण बढ़ रहा है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत पहले से ही स्टेज-III लागू है, जिसके बावजूद हवा में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।

पर्यावरण विशेषज्ञों का सुझाव है कि अब दिल्ली-एनसीआर में निजी वाहनों का उपयोग सीमित करना, निर्माण गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाना और औद्योगिक उत्सर्जन पर निगरानी बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे यथासंभव घर के अंदर रहें और यदि बाहर निकलना आवश्यक हो तो मास्क अवश्य पहनें। बढ़ते प्रदूषण के बीच एनसीआर में जीवन फिलहाल गैस चैंबर जैसा बनता जा रहा है।

Point of View

हमारा दृष्टिकोण हमेशा नागरिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इस बात को समझते हुए, हमें शासन और नागरिकों दोनों की जिम्मेदारियों को साझा करना होगा।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई का स्तर क्या है?
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार पहुंच गया है, जो 'गंभीर श्रेणी' में आता है।
बिना मास्क के बाहर निकलना क्यों खतरनाक है?
बिना मास्क के बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, खासकर जब प्रदूषण का स्तर इतना उच्च हो।
कौन से लोग अधिक प्रभावित हैं?
बच्चे, बुजुर्ग और सांस या हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोग अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
क्या सरकार कुछ कर रही है?
हां, सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया है।
हमें क्या करना चाहिए?
हमें घर के अंदर रहना चाहिए और बाहर निकलने पर मास्क पहनना चाहिए।