क्या दिल्ली सरकार ने मजदूरों को 10 हजार की सहायता और वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य किया?

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क्या दिल्ली सरकार ने मजदूरों को 10 हजार की सहायता और वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य किया?

सारांश

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर मजदूरों की सहायता के लिए 10 हजार रुपये भेजने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, सभी कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम को अनिवार्य किया गया है। जानिए इस महत्वपूर्ण फैसले का क्या मतलब है?

Key Takeaways

  • दिल्ली सरकार ने मजदूरों को 10 हजार रुपए की सहायता देने का निर्णय लिया है।
  • 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों के लिए अनिवार्य है।
  • यह कदम प्रदूषण के खिलाफ एक सख्त प्रतिक्रिया है।
  • मजदूरों को जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह दी गई है।
  • फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स को प्रोत्साहित किया जाएगा।

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। सरकार ने रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के खातों में 10 हजार रुपए भेजने का निर्णय लिया है, जो निर्माण कार्य रुकने के कारण प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम को अनिवार्य किया गया है।

दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने इस फैसले की जानकारी दी।

कपिल मिश्रा ने कहा कि ग्रैप के तीसरे चरण के दौरान निर्माण कार्य रोक दिया गया था, जिससे दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों की आजीविका प्रभावित हुई। राहत के तौर पर, सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से 10 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि ग्रैप के चौथे चरण के दौरान भी यही मुआवजा दिया जाएगा। कंस्ट्रक्शन मजदूरों से अपील की गई है कि वे जल्द से जल्द वेरिफिकेशन के लिए दिल्ली सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर करें। यह कदम प्रदूषण से प्रभावित मजदूरों की सहायता के लिए उठाया गया है।

इसके अतिरिक्त, एनसीटी दिल्ली के सभी प्राइवेट ऑफिस में 50 फीसदी से अधिक स्टाफ के साथ काम नहीं किया जाएगा, जबकि बाकी स्टाफ घर से काम करेगा। यह दिशा-निर्देश लेबर डिपार्टमेंट द्वारा जारी किए गए हैं। साथ ही, कार्यालयों को फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

कपिल मिश्रा ने बताया कि सभी स्टाफ का एक साथ आना और जाना आवश्यक नहीं है, और टाइमिंग अलग-अलग रखी जानी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि किसी ग्रुप को सुबह 10 बजे बुलाया जाता है, तो उन्हें अलग-अलग समय पर लौटना चाहिए। यह गाइडलाइन सुचारू रूप से लागू करने के लिए जारी की गई हैं।

Point of View

इस प्रकार के उपाय आवश्यक हैं।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली सरकार ने मजदूरों को कितनी सहायता देने का निर्णय लिया है?
दिल्ली सरकार ने रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों को 10 हजार रुपए की सहायता देने का निर्णय लिया है।
वर्क फ्रॉम होम नीति कब से लागू होगी?
दिल्ली सरकार की 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम नीति तुरंत प्रभाव से लागू होगी।
कौन से ऑफिस इस नीति से प्रभावित होंगे?
यह नीति सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों पर लागू होगी, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर।
क्या मजदूरों को इस सहायता के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा?
हाँ, मजदूरों को दिल्ली सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
इस निर्णय से प्रदूषण को कैसे नियंत्रित किया जाएगा?
इस निर्णय से प्रदूषण के स्तर को कम करने में सहायता मिलेगी, क्योंकि वर्क फ्रॉम होम से सड़क पर वाहनों की संख्या कम होगी।
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