क्या डीजीसीए ने एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े को क्लीन चिट दी?

सारांश
Key Takeaways
- डीजीसीए ने एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े को क्लीन चिट दी है।
- जांच में किसी भी गंभीर सुरक्षा चिंता का सामना नहीं करना पड़ा।
- कुल 33 विमानों में से 4 विमानों की बड़ी जांच चल रही है।
- हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण उड़ानों में व्यवधान आ रहे हैं।
- एयरलाइन को समन्वय सुधारने की सलाह दी गई है।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि हाल ही में एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े पर की गई निगरानी में किसी भी प्रकार की गंभीर सुरक्षा चिंता का सामना नहीं करना पड़ा है।
विमानन नियामक ने बताया कि इन विमानों और उनके संबंधित रखरखाव प्रणाली को मौजूदा सुरक्षा मानकों के अनुरूप पाया गया है।
एयरलाइन के बोइंग 787-8/9 बेड़े के 33 विमानों में से 4 विमानों की वर्तमान में विभिन्न मेनटेनेंस, रिपेयर और ऑपरेशन (एमआरओ) सुविधाओं में गहन जांच की जा रही है।
डीजीसीए ने कहा, "17 जून 2025 को दोपहर 3 बजे तक, कुल 24 विमानों की आवश्यक जांच सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। इसके अलावा, मंगलवार के लिए 2 अतिरिक्त विमानों की जांच पूरी करने की योजना है, जबकि 18 जून को 1 और विमान की जांच की जाएगी। 2 विमान वर्तमान में दिल्ली में एओजी हैं।"
विमानन नियामक ने यह भी कहा कि इन दोनों विमानों की जांच सेवाक्षमता की घोषणा के बाद और सेवा में वापस आने से पहले की जाएगी।
डीजीसीए ने एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की, जो वर्तमान में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में प्रतिदिन 1,000 से अधिक उड़ानें संचालित कर रहे हैं।
यह बैठक एयरलाइनों की परिचालन मजबूती की समीक्षा करने और सुरक्षा एवं यात्री सेवा विनियमों का निरंतर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई थी।
डीजीसीए ने एयरलाइन को इंजीनियरिंग, ऑपरेशन, ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट्स में समन्वय को मजबूत करने की सलाह दी। हवाई क्षेत्र बंद होने को लेकर विशेष रूप से ईरानी हवाई क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभावों की भी समीक्षा की गई।
हवाई क्षेत्र बंद होने से उड़ानों में डाइवर्जन, देरी और रद्दीकरण की समस्याएं आ रही हैं। ऑपरेटरों को यात्रियों और क्रू मेंबर्स के साथ समय पर संचार करने और व्यवधानों को कम करने के लिए वैकल्पिक रूटिंग रणनीतियों को अपनाने के लिए कहा गया है।
नियामक ने ऑपरेशनल और सेफ्टी-क्रिटिकल विभागों को समय पर अपडेट प्राप्त करने के लिए अधिक समन्वित और रियल-टाइम दोष रिपोर्टिंग प्रणाली पर काम करने की सिफारिश की है।