क्या हरीश रावत ने धनखड़ के इस्तीफे पर बिहार की राजनीति का किया जिक्र?

सारांश
Key Takeaways
- जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से दिया गया।
- पूर्व सीएम हरीश रावत ने इसे राजनीतिक संदर्भ में देखा।
- बिहार की राजनीति का भी इस इस्तीफे में योगदान माना जा रहा है।
- उपराष्ट्रपति पद का चुनाव अब नए सिरे से होगा।
- यह इस्तीफा देश की राजनीति में नई चर्चा का विषय बन चुका है।
देहरादून, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफासंविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत यह कदम उठाया। उनके इस्तीफे के बाद विपक्षी सांसदों ने सवाल उठाए हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी मंगलवार को धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल खड़ा किया।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर जो चर्चाएँ चल रही हैं, उनका तात्पर्य कुछ और है। मैंने संसद में उनके साथ समय बिताया है। उनका स्वभाव सरल और विनम्र था। आज केवल स्वास्थ्य कारण ही उनके इस्तीफे का कारण नहीं हैं, बल्कि इसमें बिहार की राजनीति की भी भूमिका मानी जा रही है।"
उन्होंने कहा, "धनखड़ का इस्तीफा पूरे देश के लिए आश्चर्य का विषय बन गया। वे दिनभर काम करते हैं, शाम को विपक्ष के सांसदों के साथ अगले दिन की कार्यवाही के लिए बैठक करते हैं, लेकिन इसके बाद वे इस्तीफा देते हैं। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे का समय सभी के लिए चौंकाने वाला था।"
वास्तव में, भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं।
16 जुलाई 2022 को भाजपा ने एनडीए की ओर से धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। 6 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को बड़े अंतर से हराया था। यह 1992 के बाद सबसे बड़ा जीत का अंतर था।
उनके इस्तीफे के बाद अब देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, क्योंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और यह पद अधिक समय तक खाली नहीं रह सकता।