क्या दिल्ली विस्फोट मामले में एसआईए ने एक और आतंकवादी सहयोगी को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली विस्फोट की जांच में एसआईए ने सफलता पाई है।
- जसीर बिलाल वानी एक प्रमुख सह-षड्यंत्रकारी है।
- 10 नवंबर को हुए धमाके में 10 लोगों की मौत हुई थी।
- आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता बढ़ी है।
- आमिर राशिद अली भी गिरफ्तार किया गया था।
श्रीनगर, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में 10 नवंबर को हुए बम धमाके के मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) को एक और बड़ी सफलता मिली है। एसआईए ने इस संदर्भ में श्रीनगर के बटमालू से तुफैल नियाज भट्ट को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी इसी मामले में शामिल एक प्रमुख आतंकवादी सहयोगी को गिरफ्तार किया था।
जम्मू-कश्मीर निवासी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को राजधानी श्रीनगर से पकड़ा गया था। एनआईए की जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि जसीर ने आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की थी। इस बम विस्फोट में 10 लोग मारे गए और 32 लोग घायल हुए थे।
अनंतनाग जिले के काजीगुंड का निवासी जसीर इस हमले का सक्रिय सह-षड्यंत्रकारी था और उसने आतंकवादी उमर उन नबी के साथ मिलकर इस नरसंहार की योजना बनाई थी।
एनआईए ने पहले भी आमिर राशिद अली नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिसने आत्मघाती हमलावर के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रची थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आमिर राशिद अली को दिल्ली से पकड़ा था।
दिल्ली आतंकी विस्फोट मामले में पटियाला हाउस स्थित विशेष एनआईए अदालत ने जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश की एनआईए मुख्यालय में रिमांड के दौरान उसके वकील से मिलने की याचिका स्वीकार कर ली। उसे 17 नवंबर को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था और 18 नवंबर को उसे 10 दिनों की हिरासत में भेज दिया गया था।