क्या ईशा फाउंडेशन ने 10,000 से अधिक रक्षा कर्मियों के लिए नि:शुल्क योग सत्र आयोजित किए?

सारांश
Key Takeaways
- ईशा फाउंडेशन ने 10,000 से अधिक रक्षा कर्मियों के लिए नि:शुल्क योग सत्र आयोजित किए।
- इस मुहिम में 11,000 प्रशिक्षित योग वीरों ने 2,500 से अधिक सत्र आयोजित किए।
- सद्गुरु ने योग को मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण बताया।
- योग से जीवन में चेतनता और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
- योग सत्रों में भाग लेने से लोगों में जागरूकता बढ़ी है।
नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ईशा फाउंडेशन ने पूरे देश में 10,000 से अधिक रक्षा कर्मियों के लिए नि:शुल्क योग सत्रों का आयोजन किया। इस मुहिम के तहत 11,000 से ज्यादा प्रशिक्षित "योग वीरों" ने 2,500 से अधिक योग सत्र भारतभर में संपन्न किए।
सद्गुरु सन्निधि, बेंगलुरु में आयोजित सबसे बड़े कार्यक्रम में भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना, बीएसएफ और एनसीसी के 5,000 से अधिक जवानों ने भाग लिया। इसके साथ ही, आसपास के समुदायों से 1,000 से अधिक नागरिकों ने भी इस अवसर पर भागीदारी की।
ईशा फाउंडेशन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, श्रीगंगानगर (राजस्थान) में 1,500 रक्षा कर्मियों ने योग किया। जोधपुर एयरबेस में 900 वायुसेना कर्मियों ने योग में भाग लिया। पुणे में लगभग 500 सैनिकों ने भाग लिया, जबकि जयगढ़ किला (जयपुर) में 400 जवानों ने योग किया। इसके अलावा, कोयंबटूर (आदियोगी स्थल) में वायुसेना, सेना और रैपिड एक्शन फोर्स के 200 से ज्यादा जवान शामिल हुए।
ईशा फाउंडेशन ने आईआईटी चेन्नई, एचडीएफसी बैंक, आईबीएम, गोदरेज, एलएंडटी, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस और यस बैंक जैसी प्रमुख कंपनियों और संस्थानों में भी योग सत्र आयोजित किए, जिससे हजारों पेशेवरों को लाभ हुआ।
सद्गुरु द्वारा तैयार किया गया 7 मिनट का "मिरैकल ऑफ माइंड" ध्यान युवाओं और पेशेवरों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ा रहा है। 2,000 से अधिक युवा एम्बेसडरों ने इस पहल को पूरे देश में फैलाया।
इस अवसर पर सद्गुरु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “योग एक ऐसी प्रणाली है, जो आपको चेतन विकल्पों से जीवन बनाने की स्वतंत्रता देती है, ऐसा जीवन जो विचारों की गुलामी में न हो। जब आप चेतनता के स्तर पर पहुंचते हैं, तब ही आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पूरी तरह से आपके नियंत्रण में होता है।”
ईशा फाउंडेशन ने अब तक 11,000 से अधिक भारतीय सैनिकों को शास्त्रीय हठयोग में प्रशिक्षित किया है, जबकि 500 से ज्यादा सैनिक स्वयं अपने यूनिट्स में योग सत्र आयोजित करने में सक्षम हो गए हैं।