क्या भारतीय सेना ने सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर तक योगाभ्यास किया?

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क्या भारतीय सेना ने सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर तक योगाभ्यास किया?

सारांश

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारतीय सेना ने सियाचिन से लेकर पोर्ट ब्लेयर तक योगाभ्यास किया। यह कार्यक्रम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। जानिए कैसे योग ने जवानों को सशक्त बनाया।

Key Takeaways

  • योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • भारतीय सेना ने सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर तक योग का आयोजन किया।
  • सीआईएसएफ ने योग के माध्यम से अनुशासन और सहनशक्ति विकसित की।
  • योगाभ्यास से सैनिकों की भावनात्मक स्थिरता बढ़ती है।
  • अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का महत्व बढ़ता जा रहा है।

नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारतीय सेना ने देश के विभिन्न स्थानों पर योगाभ्यास किया। उत्तर में सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली चोटियों से लेकर दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर तक, सेना के जवान विभिन्न आसनों का अभ्यास करते हुए नजर आए।

सियाचिन ग्लेशियर के बर्फीले क्षेत्र और पैंगोंग त्सो झील के किनारों से लेकर दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर के शांत किनारों तक और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश के किबिथू से लेकर पश्चिम में कच्छ के रण तक, भारतीय सेना के सैनिकों ने योग का अभ्यास किया। सैनिकों ने प्राचीन भारतीय अभ्यास को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तनाव से उबरने के साधन के रूप में अपनाया। अलग-अलग योगाभ्यास के कई वीडियो भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर साझा किए हैं।

इसी प्रकार, अर्धसैनिक बल सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने शनिवार को देशभर में अपनी 430 से अधिक यूनिट्स और फॉर्मेशन्स में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का समापन किया। पूरे जून महीने के दौरान सीआईएसएफ की यूनिट्स में नियमित योग अभ्यास किया गया। प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों ने सीआईएसएफ जवानों, उनके परिवारजनों, स्कूली छात्रों और आसपास के आम नागरिकों के लिए विशेष योग सत्रों का आयोजन किया।

दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीआईएसएफ मुख्यालय में 100 से अधिक कर्मियों ने सामूहिक योगाभ्यास किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का नेतृत्व अतिरिक्त महानिदेशक (मुख्यालय) पद्माकर रणपिसे ने किया।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने इस साल के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम, "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" को गहराई से अपनाया, जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान बताया। सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह एक गहन विज्ञान है जो अनुशासन विकसित करता है, सहनशक्ति बढ़ाता है और एक शांत एवं केंद्रित मानसिकता को बढ़ावा देता है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने भी पंजाब में भारत-पाकिस्तान की सीमाओं पर योगाभ्यास किया। अटारी-वाघा बॉर्डर और हुसैनीवाला बॉर्डर पर भव्य योग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के आईजी अतुल फुलजले ने इसका नेतृत्व किया। इस दौरान सैकड़ों बीएसएफ जवानों, सीमावर्ती गांवों के नागरिकों, स्कूली बच्चों, खेल जगत की हस्तियों और पद्म पुरस्कार विजेताओं ने योगाभ्यास किया।

Point of View

बल्कि वे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत हैं। योगाभ्यास से सैनिकों की तंदुरुस्ती और सहनशक्ति बढ़ती है, जो कठिन परिस्थितियों में उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है।
NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
भारतीय सेना ने योग दिवस पर क्या गतिविधियाँ कीं?
भारतीय सेना ने सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर तक विभिन्न स्थानों पर योगाभ्यास किया।
सीआईएसएफ ने योग दिवस पर क्या विशेष किया?
सीआईएसएफ ने अपनी 430 यूनिट्स में योग सत्र आयोजित किए और सामूहिक योगाभ्यास किया।