क्या जम्मू-कश्मीर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साह से मनाया गया?

सारांश
Key Takeaways
- योग से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- सामाजिक एकता का प्रतीक है।
- स्थानीय समुदायों ने मिलकर योग सत्रों का आयोजन किया।
- योग ने संस्कृतिक गौरव को दर्शाया।
- कैबिनेट मंत्री का प्रेरणादायक संदेश।
श्रीनगर, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। 21 जून को जम्मू-कश्मीर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन धूमधाम से हुआ। 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' का थीम लेकर, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकट मेंढर और नौशेरा से लेकर अखनूर और राजौरी तक, लोगों ने योगाभ्यास किया।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), जिला प्रशासन, स्कूलों और स्थानीय समुदायों ने मिलकर योग सत्रों का आयोजन किया, जहाँ हजारों लोगों ने भाग लिया। यह आयोजन केवल स्वास्थ्य जागरूकता का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि सामाजिक एकता और संस्कृतिक गौरव को भी दर्शाता है।
सीमावर्ती क्षेत्रों से लेकर शहरों तक, 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। एलओसी से सटे मेंढर के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (छात्र) में सुबह-सुबह योग सत्र का आयोजन किया गया।
स्थानीय लोग, छात्र और शारीरिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी उत्साह के साथ शामिल हुए। एसडीआरएफ टीम ने भी इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रतिभागियों ने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और ध्यान जैसे आसनों का अभ्यास किया और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संकल्प लिया।
मेंढर में आयोजित इस सत्र में योग के महत्व पर जोर देते हुए प्रतिभागियों को बताया गया कि नियमित योग से तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। कार्यक्रम का समापन 'योग करो, निरोग रहो' के संदेश के साथ हुआ, जिसमें सभी ने दैनिक जीवन में योग को अपनाने की प्रतिबद्धता जताई।
सुंदरबनी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के क्षेत्रीय मुख्यालय में भी 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन हुआ। उप महानिरीक्षक के नेतृत्व में बीएसएफ कर्मचारियों ने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास किया।
सुंदरबनी के अलावा, बीएसएफ की विभिन्न इकाइयों ने अखनूर, गढ़खाल, कानाचक, परगवाल और नौशेरा में भी योग कार्यक्रम आयोजित किए। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कई चौकियों पर बीएसएफ जवानों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर योग किया।
राजौरी जिले में भी योग दिवस का उत्साह अद्भुत था। जिले के 30 अलग-अलग स्थानों पर सरकारी कर्मचारियों, राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने भाग लिया। अखनूर में भी बीएसएफ और स्थानीय लोगों ने योग के माध्यम से एकता का संदेश दिया।
एलओसी के निकट नौशेरा के गवर्नमेंट बॉयज मिडिल स्कूल (बीएमएस) सरया में योग सत्र का आयोजन किया गया। राजौरी जिला प्रशासन ने योग दिवस के सफल संचालन के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की थीं। जागरूकता फैलाने और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए गए। जिले भर में स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती और एकता का संदेश देने वाले ये आयोजन सफल रहे।
वहीं, जम्मू कश्मीर के कैबिनेट मंत्री सतीश शर्मा ने योग दिवस पर अपने संदेश में कहा, "योग 5,000 साल पुरानी भारतीय परंपरा है, जिसे आज 180 देशों में लाखों लोग अपना रहे हैं। खासकर युवाओं को मैं कहना चाहूंगा कि मानसिक स्वास्थ्य और तनाव से मुक्ति के लिए योग से बेहतर कोई साधन नहीं। इसे एक इवेंट नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा बनाएं।"
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि उनकी वजह से योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है।