क्या भारतीय वायुसेना को एफ-35बी लड़ाकू विमान की इमरजेंसी लैंडिंग की जानकारी थी?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय वायुसेना ने एफ-35बी की सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित की।
- इमरजेंसी लैंडिंग के पीछे ईंधन की कमी थी।
- यह घटना भारत-ब्रिटेन के सैन्य सहयोग को दर्शाती है।
नई दिल्ली, १५ जून (राष्ट्र प्रेस) ब्रिटिश एफ-35बी लड़ाकू विमान ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग की। भारतीय वायुसेना ने इस एफ-35बी के डायवर्जन पर कहा है कि यह एक सामान्य घटना है जो उड़ान सुरक्षा के कारण हुई।
वायुसेना के प्रवक्ता ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि भारतीय वायुसेना इस स्थिति से पूरी तरह अवगत थी और फ्लाइट सेफ्टी के मद्देनजर विमान को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की गई। प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में भारतीय वायुसेना सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय में है और विमान को हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया कि इस घटना को लेकर किसी प्रकार की चिंता नहीं होनी चाहिए।
वास्तव में, ब्रिटेन का एक अत्याधुनिक एफ-35बी लाइटनिंग-II लड़ाकू विमान शनिवार रात को केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात स्थिति में उतरा था। जानकारी के अनुसार, यह फाइटर जेट विमान हिंद महासागर क्षेत्र में एक नियमित उड़ान मिशन पर था। ईंधन की कमी के कारण विमान को नजदीकी हवाई अड्डे पर उतरना पड़ा। भारतीय वायुसेना ने इसे “सामान्य डायवर्जन” माना और कहा कि उन्हें इस उड़ान योजना की पूर्व सूचना थी।
भारतीय वायुसेना ने विमान की सुरक्षित लैंडिंग के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा और तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाई। प्रवक्ता ने कहा, “यह एक सामान्य डायवर्जन की स्थिति थी। भारतीय वायुसेना पूरी तरह से स्थिति से अवगत थी और उड़ान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान किया गया।”
एफ-35बी लाइटनिंग विमान, ब्रिटेन की रॉयल नेवी का हिस्सा है और इसे वर्टिकल लैंडिंग की क्षमता के लिए जाना जाता है। यह विमान एक ब्रिटिश युद्धपोत से उड़ान भर रहा था। पायलट ने देखा कि विमान में ईंधन की मात्रा बहुत कम हो गई है, जिसके चलते उसे इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। इसके बाद, उसे नजदीकी वैकल्पिक हवाई अड्डे पर लैंडिंग की आवश्यकता पड़ी।
यह ध्यान देने योग्य है कि यह विमान पांचवीं पीढ़ी का बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है, जिसमें स्टेल्थ तकनीक और उन्नत सेंसर शामिल हैं। तिरुवनंतपुरम एयर ट्रैफिक कंट्रोल और स्थानीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए रनवे को खाली कराया और विमान को सुरक्षित उतारने की प्राथमिकता दी। इसके तुरंत बाद, भारतीय वायुसेना और अन्य एजेंसियों ने आवश्यक तकनीकी सहायता और ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित की। इस घटना ने भारत और ब्रिटेन के बीच सैन्य सहयोग और पारस्परिक समझ को भी उजागर किया है, जिससे दोनों देशों के बीच सुरक्षा और आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूती मिली है। फिलहाल, विमान की स्थिति सामान्य है और आवश्यक निरीक्षणों के बाद इसे जल्द ही अपनी यात्रा पुनः आरंभ करने की अनुमति दी जा सकती है।