क्या एसटीपी निष्क्रिय मिलने पर ग्रेनो प्राधिकरण ने 7 बिल्डरों पर 54 लाख का जुर्माना लगाया?

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क्या एसटीपी निष्क्रिय मिलने पर ग्रेनो प्राधिकरण ने 7 बिल्डरों पर 54 लाख का जुर्माना लगाया?

सारांश

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जल प्रदूषण को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सीवर विभाग की जांच में 7 बिल्डरों के सोसाइटियों में निष्क्रिय एसटीपी पाए गए, जिसके लिए उन पर कुल 54 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह कदम प्रदूषण नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण पहल है।

Key Takeaways

  • ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 54 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
  • 7 बिल्डरों के एसटीपी निष्क्रिय पाए गए थे।
  • जल प्रदूषण रोकने के लिए कार्रवाई की गई है।
  • बिल्डरों को जुर्माना एनजीटी के खाते में जमा करना होगा।
  • अगली जांच में अगर खामियां मिलीं, तो कड़ी कार्रवाई होगी।

ग्रेटर नोएडा, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक सख्त कदम उठाया है। सीवर विभाग की जांच में पता चला कि सात बिल्डरों की सोसाइटियों में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) निष्क्रिय थे, और अशोधित सीवेज को नालों में गिराया जा रहा था। इसके चलते प्राधिकरण ने इन बिल्डरों पर कुल 54 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

प्राधिकरण ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि पेनल्टी की राशि जल्द ही एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के खाते में जमा करनी होगी और चालान की प्रति प्राधिकरण को प्रस्तुत करनी होगी। यदि अगली जांच में कोई कमी पाई गई, तो एफआईआर दर्ज करने के साथ ही लीज डीड और भवन नियमावली के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सीईओ एनजी रवि कुमार के मार्गदर्शन में प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक नया एसटीपी स्थापित कर रहा है और आईटी सिटी में भी एसटीपी के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इसके बावजूद, कुछ बिल्डर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में लापरवाह हैं और सीवेज को बिना शोधित किए नालों में डाल रहे हैं। जिन बिल्डरों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें राजहंस रेजिडेंसी (सेक्टर-1) - 5 लाख, पैरामाउंट इमोशंस (सेक्टर-1) - 5 लाख, देविका होम्स (सेक्टर-1) - 10 लाख, कैपिटल एथिना (सेक्टर-1) - 5 लाख, पंचशील हाईनिस (सेक्टर-1) - 12 लाख, जेएम फ्लोरेंस (टेकजोन-4) - 5 लाख और पंचशील ग्रीन्स-2 (सेक्टर-16) - 12 लाख शामिल हैं, जिससे कुल पेनल्टी राशि 54 लाख बनती है।

एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा, "ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का उद्देश्य है कि शहर से निकलने वाले सीवेज को शत-प्रतिशत शोधित किया जाए, ताकि साफ पानी का पुनः उपयोग किया जा सके। इसके लिए निवासियों और बिल्डरों का सहयोग आवश्यक है। सोसाइटी परिसर में स्थापित एसटीपी का संचालन अनिवार्य है। बिना शोधित सीवेज नालों में डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सीवर विभाग की टीम नियमित रूप से जांच करती रहेगी।"

Point of View

मैं यह समझता हूँ कि जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जो न केवल हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को भी प्रभावित करती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह कदम न केवल जिम्मेदारी दिखाता है, बल्कि यह अन्य क्षेत्रों के लिए एक उदाहरण भी पेश करता है। हमें सभी बिल्डरों से अपेक्षा करनी चाहिए कि वे अपने कार्यों के प्रति उत्तरदायी बनें।
NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जुर्माना क्यों लगाया?
जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि 7 बिल्डरों के एसटीपी निष्क्रिय पाए गए और उन्होंने बिना शोधित सीवेज को नालों में गिराया।
जुर्माने की कुल राशि कितनी है?
जुर्माने की कुल राशि 54 लाख रुपये है।
क्या बिल्डरों को जुर्माना चुकाना होगा?
हाँ, बिल्डरों को जुर्माना जल्द ही एनजीटी के खाते में जमा करना होगा।
क्या अगली जांच में कार्रवाई होगी?
यदि अगली जांच में खामियां पाई गईं, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसटीपी का संचालन क्यों जरूरी है?
एसटीपी का संचालन इसलिए जरूरी है ताकि सीवेज को सही तरीके से शोधित किया जा सके और जल प्रदूषण रोका जा सके।