क्या हरियाणा में विजया रहाटकर ने तीन जिलों की पीड़िताओं की शिकायतें सुनीं?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं की शिकायतों का समाधान करना आयोग का प्राथमिक उद्देश्य है।
- तीन तलाक और महिला आरक्षण कानून की सराहना की गई।
- जनसंवाद कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं की समस्याओं को सुनने की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है।
भिवानी, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के भिवानी में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने तीन जिलों की पीड़ित महिलाओं की शिकायतें सुनीं। इस मौके पर उन्होंने तीन तलाक और महिला आरक्षण कानून की सराहना की।
रहाटकर ने भिवानी के पंचायत भवन में जनसंवाद कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने भिवानी से 19 और चरखी दादरी तथा झज्जर जिलों की 8-8 पीड़ित महिलाओं के मामले सुने। इस दौरान पुलिस और जिला प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी और हर मामले के जांच अधिकारी (आईओ) मौजूद थे।
विजया रहाटकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग को देशभर से शिकायतें मिलती हैं। कुछ शिकायतें आयोग तक नहीं पहुँच पातीं। ऐसे में आयोग समय-समय पर जनसंवाद के माध्यम से महिलाओं के पास जाकर शिकायतों के समाधान का प्रयास कर रहा है, क्योंकि जनसुनवाई के दौरान हमारे साथ पुलिस अधिकारी और प्रशासन भी होते हैं। उन्होंने कहा कि आयोग के पास घरेलू हिंसा, यौन शोषण और मातृत्व अवकाश के मामले अधिक आते हैं।
उन्होंने कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य और प्रेमानंद के महिलाओं के प्रति दिए विवादित बयानों पर कहा कि क्या और किस विषय में उन्होंने कहा, यह देखना जरूरी है। लिव इन में रहने वालों से उन्होंने सामाजिक मर्यादा का ध्यान रखने की अपील की और लव मैरिज में माता-पिता की सहमति पर कहा कि बालिग होने पर शादी कानूनन उनकी इच्छा से होती है, लेकिन भावनात्मक और सामाजिक रूप से माता-पिता की सहमति की अपेक्षा भी गलत नहीं।
रहाटकर ने तीन तलाक खत्म करने और महिला आरक्षण कानून की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के हित में अब तीन तलाक की तरह हलाला को भी खत्म करने की आवश्यकता है।