क्या चेन्नई में चक्रवात मोंथा के लिए राहत केंद्र और चिकित्सा शिविरों की तैयारी की गई है?
सारांश
Key Takeaways
- 215 राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- 574 चिकित्सा शिविर संचालित किए जा रहे हैं।
- चार लाख से अधिक निवासियों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
- 22,000 कर्मी बाढ़ राहत के लिए तैनात हैं।
- निवासियों के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन 1913 प्रस्तावित है।
चेन्नई, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मानसून की तीव्रता बढ़ने के साथ, ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (जीसीसी) ने बारिश से संबंधित समस्याओं और बीमारियों के संकट को टालने के लिए ठोस तैयारियां की हैं।
निचले और जल्दी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों की मदद के लिए, शहर में अब तक 215 राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं।
इन केंद्रों में भोजन, स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 106 केंद्रीय रसोई का नेटवर्क तैयार किया गया है।
इनसे संवेदनशील क्षेत्रों के चार लाख से अधिक निवासियों को दिन में तीन बार भोजन प्रदान किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए 574 विशेष चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए हैं, जिनमें 408 सामान्य स्वास्थ्य शिविर और 116 मोबाइल शिविर शामिल हैं। इनसे 24,146 लाभार्थियों को सहायता मिली है।
शिविरों में बुखार जांच, वेक्टर नियंत्रण जागरूकता और मानसून से जुड़ी बीमारियों के उपचार पर ध्यान केंद्रित किया गया है। बुनियादी ढांचे की तैयारी में जलमग्न क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए 2,000 से अधिक मोटर पंप विभिन्न क्षमताओं के साथ तैयार हैं।
तेज हवाओं और पेड़ों के गिरने की स्थिति में 457 प्रशिक्षित लोग तैनात किए गए हैं। शहर की 22 प्रमुख सड़क सुरंगों का 24 घंटे रखरखाव किया जा रहा है ताकि जलभराव न हो और यातायात सुचारू बना रहे।
बाढ़ रोकथाम और राहत कार्यों के लिए 22,000 कर्मी (इंजीनियर, सफाईकर्मी, फील्ड स्टाफ) तैनात किए गए हैं। चेन्नई मेट्रो वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड के 2,149 फील्ड कर्मचारी नालों की रुकावट और सीवेज ओवरफ्लो से निपटने के लिए तैयार हैं।
जीसीसी ने निवासियों से टोल-फ्री हेल्पलाइन 1913 पर बारिश से जुड़े नुकसान, बाढ़ या आपात स्थिति की तुरंत सूचना देने की अपील की है। सोशल मीडिया शिकायतों की भी सक्रिय निगरानी की जा रही है।
आने वाले दिनों में और भारी बारिश की संभावना को देखते हुए, जीसीसी के समन्वित प्रयास राहत, सार्वजनिक स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में नागरिकों की सुरक्षा और न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं।