क्या सौतेले पिता से नाराज युवक ने उसके खाते से 26 लाख रुपए निकाले?
सारांश
Key Takeaways
- सौतेले रिश्तों में विश्वास का महत्व
- ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रति जागरूकता
- पारिवारिक संबंधों में संवाद की आवश्यकता
- बैंक सुरक्षा उपायों को समझना
- धोखाधड़ी की पहचान और रोकथाम
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने आजादपुर मंडी में एक युवक को सौतेले पिता के खाते से 26.32 लाख रुपए निकालने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने यह राशि चार महीनों में पिता के बैंक खाते से निकाली।
आरोपी की पहचान शिवम शर्मा के रूप में हुई है, जो एक बीए स्नातक और पूर्व बीपीओ कर्मचारी है। उसे 25 अक्टूबर को एसीपी अनिल शर्मा की निगरानी में इंस्पेक्टर सुभाष चंद्रा और उनकी टीम ने गहन जांच के बाद गिरफ्तार किया।
पुलिस ने एक प्रेस नोट में कहा, "आरोपी के पास से 100 ग्राम सोना बरामद हुआ है और उसके एचडीएफसी बैंक खाते के 3 लाख रुपए फ्रीज कर दिए गए हैं।"
पुलिस ने बताया कि आजादपुर मंडी में 68 वर्षीय पूर्व पार्किंग संचालक को ऑनलाइन लेनदेन की ज्यादा जानकारी नहीं थी। उसने अपने सौतेले बेटे को अपने बैंक लेनदेन का प्रबंधन सौंपा था, जिसका फायदा उठाकर शिवम ने एक सुनियोजित डिजिटल धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
23 मार्च को, जब पिता अपनी पहली पत्नी के अंतिम संस्कार में गए थे, शिवम ने उसके बैंक खाते से जुड़ा सिम कार्ड चुरा लिया।
उसने एक फर्जी यूपीआई आईडी बनाई, अमेजन और फ्लिपकार्ट के जरिए सोने के सिक्के खरीदे और उन्हें दीवार पर लगी अलमारी में छिपा दिया। साथ ही, उसने साइबर कैफे संचालकों के जरिए लगभग 6 लाख रुपए भी भेजे और उन्हें 10 प्रतिशत तक कमीशन देने का आश्वासन दिया।
घटना को अंजाम देने के बाद उसने सिम कार्ड और अपना मोबाइल नष्ट कर दिया। शिवम ने धोखाधड़ी से अनजान होने का नाटक करते हुए अपने पिता की साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराने में भी मदद की।
जांचकर्ताओं ने कहा कि इसका कारण गहरी पारिवारिक नाराजगी थी। अपने पिता की दूसरी शादी से पैदा हुआ बेटा शिवम खुद को उस समय अलग-थलग महसूस करने लगा, जब उसके पिता ने परिवार का पार्किंग व्यवसाय अपनी पहली शादी से हुए बड़े बेटे को सौंप दिया।
पूछताछ के दौरान, शिवम ने शुरू में आरोपों से इनकार किया, लेकिन बाद में अपना गुनाह कबूल कर लिया।