क्या भारत-चीन के बीच अक्टूबर अंत तक डायरेक्ट फ्लाइट फिर से शुरू होंगी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट सेवाएं अक्टूबर के अंत तक शुरू होने की संभावना है।
- यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपाय है।
- सीधी हवाई सेवाएं दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने में मदद करेंगी।
- शीतकालीन मौसम के अनुसार सेवाएं प्रारंभ की जाएंगी।
- दोनों देशों के नेताओं ने सीमा मुद्दों पर सहमति बनाई है।
नई दिल्ली/बीजिंग, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट सेवाएं अक्टूबर के अंत तक पुनः प्रारंभ होने की संभावना है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई है।
भारत और चीन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण इस वर्ष की शुरुआत से दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाओं को फिर से चालू करने और एक संशोधित हवाई सेवा समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। यह प्रक्रिया भारत सरकार की दोनों देशों के बीच संबंधों को धीरे-धीरे सामान्य करने की नीति का हिस्सा है।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इन चर्चाओं के बाद यह सहमति बनी है कि भारत और चीन के बीच नामित स्थलों को जोड़ने वाली डायरेक्ट फ्लाइट सेवाएं अक्टूबर 2025 के अंत तक शुरू की जा सकती हैं। यह शीतकालीन मौसम के अनुसार होगा, बशर्ते दोनों देशों की नामित एयरलाइंस का व्यावसायिक निर्णय और सभी परिचालन मानदंड पूरे हों।
बयान में आगे कहा गया, "इस समझौते से भारत और चीन के बीच लोगों के बीच संपर्क को और बढ़ावा मिलेगा, जिससे द्विपक्षीय आदान-प्रदान को धीरे-धीरे सामान्य बनाने में मदद मिलेगी।"
पिछले महीने, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में अपनी बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वार्ता, विश्वास-निर्माण उपायों और क्षेत्रीय जुड़ाव को प्राथमिकता देने के अपने दृष्टिकोण पर चर्चा की थी।
इस बैठक का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और भारत-चीन संबंधों में हाल की प्रगति को आगे बढ़ाना था।
दोनों देशों ने 3,500 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त के नियमों पर सहमति बनी, जिससे चार साल पुराना सीमा विवाद कम हुआ।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष हुए समझौते और सीमा पर शांति बनाए रखने की सराहना की। उन्होंने आपसी सहमति से सीमा मुद्दे का उचित समाधान निकालने और दोनों देशों के लोगों के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों नेताओं ने इस महीने की शुरुआत में विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का समर्थन करने पर भी सहमति जताई।
सितंबर में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत का दौरा किया और सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता की। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात में कहा कि स्थिर भारत-चीन संबंध दोनों देशों के हित में है और विकासशील देश इसे चाहते हैं।
इसके पहले, लंबे समय से स्थगित कैलाश-मानसरोवर यात्रा को 2025 की गर्मियों के लिए बहाल कर दिया गया था।