क्या पश्चिम बंगाल में बीएलए की नियुक्ति में भाजपा ने टीएमसी को पछाड़ दिया?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने 24,858 बीएलए की नियुक्ति की है।
- माकपा ने 18,706 बीएलए नियुक्त किए हैं।
- टीएमसी की केवल 13,526 नियुक्तियां हुई हैं।
- कांग्रेस ने 5,797 बीएलए नियुक्त किए हैं।
- चुनाव आयोग की प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगी।
कोलकाता, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इस दौरान राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टियों, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी माकपा, ने अपने-अपने बूथ-लेवल एजेंट (बीएलए) की नियुक्ति कर ली है।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने मंगलवार शाम 5 बजे तक 24,858 बीएलए की नियुक्ति की है, जबकि माकपा ने 18,706 बूथ-लेवल एजेंट घोषित किए हैं।
दोनों दल बीएलए की नियुक्तियों में कांग्रेस और सत्तारूढ़ टीएमसी को पीछे छोड़ चुके हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस ने केवल 13,526 नियुक्तियां की हैं, जबकि कांग्रेस ने 5,797 बीएलए नियुक्त कर चौथे स्थान पर है।
आंकड़ों के अनुसार, चुनाव आयोग में पंजीकृत मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) की कुल संख्या वर्तमान में 63 हजार से अधिक है। इसमें बीएलए-1 और बीएलए-2 शामिल हैं।
बीएलए-1 किसी विधानसभा क्षेत्र के लिए पार्टी का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि बीएलए-2 किसी मतदान केंद्र के लिए संबंधित पार्टी का प्रतिनिधित्व करता है।
राज्य चुनाव अधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों से प्रति बूथ एक एजेंट तैनात करने का अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि बीएलओ एसआईआर के दौरान सभी मान्यता प्राप्त दलों के बीएलए के साथ नियमित संपर्क बनाए रखेंगे।
भारतीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल समेत देश के 12 राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया का दूसरा चरण प्रारंभ किया है। आयोग ने 27 अक्टूबर को एसआईआर प्रक्रिया के दूसरे चरण की घोषणा की थी। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक गणना का काम होगा।
ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 दिसंबर9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियों का दौर चलेगा। नोटिस चरण (सुनवाई और सत्यापन के लिए) 9 दिसंबर से 31 जनवरी 2026 के बीच होगा। मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य अगले वर्ष 7 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी होने के साथ समाप्त होगा।