क्या उत्तराखंड में भारी बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं?

सारांश
Key Takeaways
- मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित
- स्कूलों का बंद होना
- चारधाम यात्रा स्थगित
- भूस्खलन का खतरा
- रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी
देहरादून, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड में बूँदाबाँदी की मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अत्यंत प्रभावित किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार के दिन पूरे राज्य में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
कई जिलों में मौसम की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, "कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश, बहुत तेज बारिश, गरज के साथ बौछारें और बिजली के साथ भारी बारिश की संभावना है।"
इसके अलावा, बादल फटने, अचानक बाढ़ और लगातार बारिश से उत्पन्न होने वाले अन्य खतरों को देखते हुए पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में मंगलवार को कक्षा 12 तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे।
पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों तथा नालों में पानी के स्तर में अचानक वृद्धि का खतरा बना हुआ है। भारी बारिश ने पहाड़ों और मैदानी इलाकों में जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
देहरादून में मिनस मोटर रोड के पास बहने वाली टोंस नदी खतरनाक रूप से उफान पर है। यमुना में मिलने के बाद जब यह नदी मैदानी इलाकों में उतरती है तो इसके जलस्तर में तेजी से वृद्धि होती है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ जाता है।
इसके अलावा, भूस्खलन के कारण कई राष्ट्रीय राजमार्गों के हिस्से अवरुद्ध हैं, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
चमोली पुलिस ने बताया कि थाना थराली क्षेत्र के अंतर्गत कंचन गंगा, भनेरपानी, कमेड़ा, कोटदीप, लोल्टी और नासिर मार्केट थराली से लोल्टी तक कई मार्ग बंद कर दिए गए हैं।
मौसम विभाग द्वारा जारी रेड और ऑरेंज अलर्ट को ध्यान में रखते हुए, चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है। हालांकि, स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और प्रशासन ने असुरक्षित क्षेत्रों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।