क्या जैसलमेर के सोनार किले में बीएसएफ का योगाभ्यास भव्य था?

सारांश
Key Takeaways
- योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ किया जा सकता है।
- नियमित योग अभ्यास से स्वस्थ शरीर और शांत मन प्राप्त किया जा सकता है।
- कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में योग के प्रति जागरूकता फैलाना है।
जैसलमेर, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आगमन से पूर्व, देशभर में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में, गुरुवार को राजस्थान के जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा एक विशेष योगाभ्यास कार्यक्रम की मेज़बानी की गई।
बीएसएफ की 192वीं वाहिनी ने ऐतिहासिक सोनार किले में एक भव्य जन-जागरण योगाभ्यास का आयोजन किया, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों में योग के प्रति जागरूकता फैलाना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना था।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता 192वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट हरबंस सिंह ने की। इस मौके पर वाहिनी के अधिकारी, जवान, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी और नर्सिंग छात्राएं भी शामिल हुईं और सामूहिक योगाभ्यास में भाग लिया।
कार्यवाहक कमांडेंट हरबंस सिंह ने बताया कि बीएसएफ के जवान न केवल देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, बल्कि योग के माध्यम से अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ बनाते हैं। योग एक प्राचीन भारतीय विधा है, जो शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखती है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज को यह संदेश देना है कि नियमित योग अभ्यास से एक स्वस्थ शरीर, शांत मन और सकारात्मक जीवनशैली को अपनाया जा सकता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के समापन पर, कार्यवाहक कमांडेंट ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि विश्वभर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है, और पूरे देश में लोग योग करते हुए नजर आएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के कारण, 21 जून को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी है। अपने प्रस्ताव में, यूएनजीए ने यह माना कि "योग जीवन के सभी पहलुओं के बीच संतुलन बनाने के अलावा स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।"