क्या जम्मू-कश्मीर में तापमान में गिरावट आई है?

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क्या जम्मू-कश्मीर में तापमान में गिरावट आई है?

सारांश

जम्मू-कश्मीर में तापमान में गिरावट देखने को मिली है। श्रीनगर में तापमान फ्रीजिंग पॉइंट से ऊपर रहा, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम में यह शून्य से नीचे चला गया। जानें इस मौसम की विशेषताएँ और इसका स्थानीय पर्यटन पर क्या असर हो सकता है।

Key Takeaways

  • श्रीनगर में तापमान फ्रीजिंग पॉइंट से ऊपर है।
  • गुलमर्ग और पहलगाम में तापमान शून्य से नीचे है।
  • बारिश ने तीन महीने के सूखे को समाप्त किया।
  • पर्यटन उद्योग को नई उम्मीदें मिल रही हैं।
  • प्रवासी पक्षियों का आगमन पर्यावरण के लिए सकारात्मक संकेत है।

श्रीनगर, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू और कश्मीर में बुधवार को श्रीनगर शहर का रात का तापमान फ्रीजिंग पॉइंट से ऊपर रहा, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम जैसे हिल स्टेशनों पर यह शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया।

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनगर में न्यूनतम तापमान ३ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम में यह क्रमशः -४.२ और -२.२ डिग्री रहा।

जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान ८.२ डिग्री सेल्सियस, कटरा में ९.४, बटोटे में ४.२, बनिहाल में ६.४ और भद्रवाह में ०.६ डिग्री रहा।

मौसम विभाग ने केंद्र शासित प्रदेश में ३१ दिसंबर तक मौसम के शुष्क रहने का पूर्वानुमान लगाया है और कहा है कि साफ आसमान के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है।

कड़ाके की ठंड का ४० दिन का समय जिसे 'चिल्लई कलां' कहा जाता है, २१ दिसंबर को एक अच्छी शुरुआत के साथ शुरू हुआ, जब घाटी के सभी ऊंचे इलाकों में बहुप्रतीक्षित बर्फबारी हुई, जबकि मैदानी इलाकों में बारिश हुई।

इस बारिश ने तीन महीने के सूखे को समाप्त कर दिया, जिससे घाटी में समस्याएं उत्पन्न हुईं, क्योंकि कई लोग सर्दी, फ्लू और सीने की बीमारियों की शिकायत कर रहे थे।

बारिश और बर्फबारी ने होटल मालिकों, टूर और ट्रैवल ऑपरेटरों और पर्यटन उद्योग से जुड़े अन्य लोगों में भी उम्मीद जगाई है।

ये लोग अब क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर गुलमर्ग और अन्य हिल स्टेशनों पर पर्यटकों के आगमन का इंतजार कर रहे हैं।

स्कीयरों के भी गुलमर्ग आने की संभावना है क्योंकि यह रिसॉर्ट अपनी शानदार स्की ढलानों के कारण 'स्कीयरों का स्वर्ग' के रूप में जाना जाता है।

सैकड़ों-हजारों प्रवासी पक्षी सर्दियों के दौरान घाटी के गर्म वातावरण में रहने आते हैं। ये पक्षी हाल की बारिश के बाद अब अपने सुरक्षित ठिकानों से बाहर निकलने लगे हैं। वे अब भोजन की तलाश में खुले खेतों और दलदली इलाकों की ओर जा रहे हैं।

सुबह और शाम के समय आसमान में कतार बनाकर उड़ते इन रंग-बिरंगे और चहचहाते पक्षियों का नजारा बहुत आकर्षक होता है। यह खूबसूरत दृश्य यहां के लोगों के लिए सैकड़ों वर्षों से एक परंपरा जैसा बन गया है। क्योंकि ये पक्षी घाटी में पर्यावरण और पारिस्थितिकी के सबसे भरोसेमंद संकेतकों में से एक हैं।

इन पक्षियों के आगमन, उनके स्वास्थ्य और चहचहाट से स्थानीय लोगों को यह विश्वास होता है कि पर्यावरण के मोर्चे पर अभी सब कुछ समाप्त नहीं हुआ है, और अगर सही देखभाल और सावधानी बरती जाए, तो 'धरती पर स्वर्ग' के रूप में कश्मीर की ख्याति बनी रह सकती है।

Point of View

बल्कि पर्यटन उद्योग के लिए भी एक नई उम्मीद जगाता है।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

जम्मू-कश्मीर में न्यूनतम तापमान क्या है?
श्रीनगर में न्यूनतम तापमान ३ डिग्री सेल्सियस है, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम में यह क्रमशः -४.२ और -२.२ डिग्री है।
कब तक मौसम शुष्क रहने का अनुमान है?
मौसम विभाग ने ३१ दिसंबर तक मौसम के शुष्क रहने का अनुमान लगाया है।
चिल्लई कलां क्या है?
चिल्लई कलां ४० दिन की कड़ाके की ठंड का समय है, जो २१ दिसंबर से शुरू होता है।
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