क्या झारखंड सीआईडी ने साइबर क्राइम नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की?

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क्या झारखंड सीआईडी ने साइबर क्राइम नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की?

सारांश

झारखंड सीआईडी ने साइबर क्राइम नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें 15,000 म्यूल अकाउंट्स और सात आरोपियों की पहचान की गई है। यह कार्रवाई साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

Key Takeaways

  • झारखंड सीआईडी ने 15,000 म्यूल अकाउंट्स की पहचान की।
  • सात आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
  • साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई।
  • गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है।
  • यह कार्रवाई वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम में महत्वपूर्ण है।

रांची, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड पुलिस का अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने साइबर क्राइम नेटवर्क के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। इस विभाग ने 15,000 म्यूल बैंक अकाउंट्स की पहचान की है, जो ठगी के लिए उपयोग किए जाते थे। इन अकाउंट्स को संचालित करने वाले सात आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

सीआईडी की जानकारी के अनुसार, म्यूल अकाउंट्स का उपयोग साइबर धोखाधड़ी की रकम जमा करने और अन्य अवैध लेनदेन के लिए किया जाता है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से इंटरस्टेट क्राइम लिंकेज का खुलासा हुआ है।

इनमें रौशन कुमार तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में ऐसे खातों को ऑपरेट करता था। राजेंद्र साव दिल्ली में बैठकर साइबर ठगी को अंजाम देता था।

प्रेम रंजन सिन्हा आंध्र प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के लोगों को साइबर ठगी के जाल में फंसाता था। जितेंद्र कुमार पप्पू केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र और चंडीगढ़ में सक्रिय था। नूरेज अंसारी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, चंडीगढ़ और पश्चिम बंगाल में अपराध करता था, जबकि सतीश कुमार आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सक्रिय था।

इसी तरह गणेश चिक बड़ाइक कर्नाटक, हिमाचल, केरल, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में लेनदेन और धोखाधड़ी के मामलों में शामिल था।

सूत्रों के अनुसार, 10 लाख रुपए या उससे अधिक के लेनदेन वाले 40 खातों की पहचान करते हुए 29 जुलाई को पहली एफआईआर दर्ज की गई। जांच आगे बढ़ी तो भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (आई 4सी) की ओर से संचालित समन्वय पोर्टल के विश्लेषण के बाद 15,000 म्यूल अकाउंट की पहचान हुई।

गिरफ्तार आरोपी मुख्य रूप से निवेश घोटालों में शामिल थे और उनका नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है। जांच अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से जुड़े बैंक खातों और लेनदेन की कई शिकायतें बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और दिल्ली में दर्ज हैं।

सीआईडी अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई के बाद निवेश घोटाले और साइबर अपराधियों के नेटवर्क को बड़ा नुकसान पहुंचा है। म्यूल अकाउंट और वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम में भी इसे महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। जांच अभी भी जारी है और अन्य संबंधित आरोपियों की पहचान के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

सीआईडी ने कितने म्यूल अकाउंट्स की पहचान की?
सीआईडी ने 15,000 म्यूल अकाउंट्स की पहचान की है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या कितनी है?
सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
ये म्यूल अकाउंट्स किसके लिए उपयोग किए जा रहे थे?
ये म्यूल अकाउंट्स साइबर धोखाधड़ी और अवैध लेनदेन के लिए उपयोग किए जा रहे थे।
यह कार्रवाई कब की गई?
यह कार्रवाई 21 अगस्त को की गई।
गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क किस-किस राज्यों में फैला हुआ है?
गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और अन्य राज्यों में फैला हुआ है।