क्या झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू के गिरोह को पाकिस्तान से हथियारों की सप्लाई मिली?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड पुलिस ने गैंगस्टर अमन साहू के गिरोह का भंडाफोड़ किया।
- ग्लॉक पिस्टल की सप्लाई पाकिस्तान से की गई थी।
- हथियारों की तस्करी हवाला के माध्यम से की जा रही थी।
रांची, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड पुलिस ने गैंगस्टर अमन साहू के गिरोह को पाकिस्तान से हथियारों की सप्लाई का खुलासा किया है। जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने ड्रोन के माध्यम से ग्लॉक पिस्टल का कंसाइनमेंट मंगवाया था, जिसमें कुल 13 ग्लॉक पिस्टल शामिल थीं।
इस बीच, पुलिस ने अब तक छह पिस्तौल बरामद कर ली हैं, जबकि सात अन्य अभी भी अपराधियों के पास हो सकती हैं। रांची, लातेहार, पलामू और अन्य इलाकों से ये पिस्तौल जब्त की गई हैं। ग्लॉक एक अत्याधुनिक और प्रतिबंधित हथियार है, जिसका उपयोग आम नागरिकों के लिए वैध नहीं है। इसकी गोली 1230 फीट प्रति सेकेंड की गति से चलती है और इसका प्रभावी रेंज लगभग 50 मीटर होता है।
इस पिस्टल में 6 से 36 राउंड तक की मैगजीन लगाई जा सकती है, जिसमें आमतौर पर 17 राउंड वाली मैगजीन का उपयोग होता है। पुलिस ने जांच में पाया कि ये हथियार पाकिस्तान से लाए जाते थे और इसके लिए भुगतान हवाला के माध्यम से किया जाता था।
झारखंड एटीएस ने इस नेटवर्क का खुलासा तब किया जब गैंगस्टर सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को अजरबैजान से लाकर रिमांड पर लिया गया। उसने स्वीकार किया कि वह अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई के गिरोहों को हथियार सप्लाई करता था। अमन साहू इस साल मार्च में झारखंड पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
जांच में यह भी पता चला कि पंजाब से जुड़े तस्कर इन हथियारों को सड़क मार्ग से झारखंड भेजते थे। इसके लिए हवाला चेन के माध्यम से भुगतान बिश्नोई गैंग के सहयोगियों तक पहुंचाया जाता था। आगे यह राशि मलेशिया और थाईलैंड में मौजूद नेटवर्क के जरिए पाकिस्तान स्थित हथियार आपूर्तिकर्ताओं तक पहुँचाई जाती थी।
एटीएस ने पुष्टि की है कि रांची के कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर फायरिंग में इसी खेप की पिस्तौलों का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने उस घटना में इस्तेमाल की गई दो पिस्तौल भी बरामद की हैं। जांच एजेंसियां अब इस कंसाइनमेंट से जुड़े अन्य अपराधियों की पहचान में जुटी हैं।