क्या झामुमो ने शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग उठाई?

सारांश
Key Takeaways
- शिबू सोरेन की भारत रत्न मांग पर चर्चा हो रही है।
- झारखंड विधानसभा का 22 अगस्त से सत्र शुरू होगा।
- पांडेय ने सत्ताधारी दल से प्रस्ताव पारित करने की अपील की है।
- शिबू सोरेन का योगदान झारखंड के इतिहास में महत्वपूर्ण है।
- यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
रांची, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड आंदोलन के संस्थापक दिवंगत शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग की है। पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने 22 अगस्त से प्रारंभ होने वाले झारखंड विधानसभा के पूरक मानसून सत्र में इस संबंध में प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा का यह सत्र ऐतिहासिक बन सकता है, यदि सदन से शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाए।
पांडेय ने कहा कि 22 अगस्त को अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा और दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जबकि 26 अगस्त को अतिवृष्टि और किसानों की समस्याओं पर चर्चा होगी। ऐसे में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सदन की आवाज गुरुजी के सम्मान में एकजुट होकर दिल्ली तक पहुंचे।
पांडेय ने कहा कि शिबू सोरेन का जीवन त्याग, संघर्ष और सेवा का प्रतीक है। उन्होंने नशाखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन चलाया, आदिवासी समाज को शिक्षा और सामाजिक चेतना से जोड़ा और अलग राज्य निर्माण आंदोलन को निर्णायक मुकाम पर पहुँचाया। झारखंड राज्य निर्माण के संघर्ष से लेकर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने हमेशा जनहित को प्राथमिकता दी।
उन्होंने कहा कि दिशोम गुरुजी का योगदान केवल झारखंड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी सामाजिक न्याय और हक-हकूक की लड़ाई लड़ी। ऐसे महापुरुष को भारत रत्न देने की पहल केंद्र सरकार को स्वयं करनी चाहिए थी। भाजपा के सांसदों और विधायकों को भी इस मांग के समर्थन में आगे आना चाहिए क्योंकि शिबू सोरेन एक सर्वमान्य नेता थे।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि झारखंड विधानसभा से यह प्रस्ताव पारित होकर केंद्र तक पहुँचता है तो यह न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लोकतांत्रिक और सामाजिक मूल्यों को गौरवान्वित करेगा। उन्होंने सत्ताधारी दल से अनुरोध किया कि इस प्रस्ताव को प्राथमिकता से सदन में लाकर पारित कराया जाए।