क्या 'काकोरी कांड' के सौ साल पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने क्रांतिकारियों को किया याद?

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क्या 'काकोरी कांड' के सौ साल पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने क्रांतिकारियों को किया याद?

सारांश

काकोरी कांड की 100वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि दी। जानें इस ऐतिहासिक घटना की महत्ता और उसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • काकोरी कांड ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • यह घटना युवाओं को प्रेरित करती है।
  • प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • क्रांतिकारियों की बहादुरी का महत्व सदैव याद रहेगा।
  • यह घटना औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है।

नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को काकोरी कांड की 100वीं वर्षगांठ पर इस ऐतिहासिक घटना में भाग लेने वाले भारतीयों की वीरता और देशभक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सौ साल पहले काकोरी में देशभक्त भारतीयों द्वारा दिखाए गए साहस ने औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लोगों में आक्रोश को पैदा किया। उनकी बहादुरी को भारत के लोग हमेशा याद रखेंगे।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज ही के दिन सौ साल पहले काकोरी में देशभक्त भारतीयों द्वारा दिखाए गए साहस ने औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध लोगों के आक्रोश को उजागर किया था। वे इस बात से नाराज थे कि किस तरह जनता के पैसे का इस्तेमाल औपनिवेशिक शोषण को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था। उनकी वीरता को भारत के लोग हमेशा याद रखेंगे। हम एक मजबूत और समृद्ध भारत के उनके सपनों को साकार करने के लिए काम करते रहेंगे।"

वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "ब्रिटिश शासन की चूलें हिला देने वाले 'काकोरी रेल एक्शन' की वर्षगांठ पर सभी अमर क्रांतिवीरों को शत-शत नमन। मां भारती के सपूतों की यह शौर्य गाथा देशवासियों के लिए प्रेरणापुंज है। इन वीरों का त्याग, साहस और राष्ट्रप्रेम सदैव हमारे हृदयों को 'राष्ट्र प्रथम' की भावना से कार्य करने की प्रेरणा देता रहेगा।"

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण घटना, काकोरी कांड, 9 अगस्त 1925 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ के निकट 'काकोरी रेलवे स्टेशन' के पास घटी थी। इस कांड ने केवल अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया, बल्कि देश के युवाओं में स्वतंत्रता की ललक को भी जगाया।

'काकोरी कांड' का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ हथियार खरीदने के लिए धन जुटाना और उनकी सत्ता को चुनौती देना था। 'काकोरी कांड' की योजना हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचआरए) के क्रांतिकारियों ने बनाई थी, जिसकी स्थापना 1924 में सशस्त्र क्रांति के माध्यम से भारत को स्वतंत्र कराने के लिए की गई थी।

इस संगठन के प्रमुख नेताओं में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद, राजेंद्र लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह, शचीन्द्रनाथ बख्शी, केशव चक्रवर्ती, मुरारी लाल खन्ना, बनवारी लाल और मन्मथनाथ गुप्ता शामिल थे।

Point of View

NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

काकोरी कांड क्या था?
काकोरी कांड एक महत्वपूर्ण घटना थी जो 9 अगस्त 1925 को हुई, जिसमें भारतीय क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ धन जुटाने के लिए एक रेल डकैती की।
इस घटना का उद्देश्य क्या था?
इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ हथियार खरीदने के लिए धन जुटाना और उनकी सत्ता को चुनौती देना था।
काकोरी कांड में कौन-कौन से प्रमुख नेता शामिल थे?
इसमें पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और चंद्रशेखर आजाद जैसे प्रमुख नेता शामिल थे।
काकोरी कांड का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
इसने स्वतंत्रता संग्राम में युवाओं के बीच जोश और आक्रोश को जगाया, जिससे देश में स्वतंत्रता की ललक बढ़ी।
काकोरी कांड की वर्षगांठ पर क्या विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए?
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने इस कांड के बलिदानियों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।