क्या कर्नाटक के बीदर में एबीवीपी का 'हल्ला बोल' परिवहन सेवाओं में सुधार ला पाएगा?
सारांश
Key Takeaways
- बीदर में परिवहन सेवाओं की गंभीर कमी है।
- छात्रों का शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
- एबीवीपी ने प्रशासन से सुधार की मांग की है।
- सामुदायिक समर्थन इस आंदोलन को मजबूत बनाता है।
- एबीवीपी एक प्रमुख छात्र संगठन है।
बीदर, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के बीदर में आम जनता और छात्रों ने बुनियादी परिवहन सुविधाओं की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बसों की गंभीर कमी और खराब कनेक्टिविटी के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शहर में प्रदर्शन किया।
ग्रामीण इलाकों से शहर आने वाले छात्रों को बसों की कमी के कारण गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने बीदर के 'हरलय्या सर्कल' पर इकट्ठा होकर पुराने बस स्टैंड तक एक विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बसों की कमी के कारण कई छात्र समय पर स्कूल और कॉलेज नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई को बड़ा नुकसान हो रहा है।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने परिवहन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने मांग की कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तुरंत नए बस रूट शुरू किए जाएं और जो रूट पहले से चल रहे हैं, उन पर बसों की संख्या में वृद्धि की जाए। बसों को अपने निर्धारित समय पर चलने की आवश्यकता है ताकि यात्रियों को घंटों तक इंतजार न करना पड़े।
एबीवीपी नेताओं ने इस संबंध में विभागीय नियंत्रक को एक ज्ञापन सौंपा। छात्र नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया और ग्रामीण सेवाओं में सुधार नहीं किया, तो भविष्य में यह आंदोलन और भी उग्र हो सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आम नागरिकों और बुजुर्गों ने भी छात्रों के इस कदम का समर्थन किया है, क्योंकि परिवहन की बुरी स्थिति ने पूरे क्षेत्र के जनजीवन को प्रभावित किया है।
बता दें कि एबीवीपी भारत का एक राष्ट्रीय छात्र संगठन है, जिसकी स्थापना 1949 में हुई थी। यह देश के सबसे बड़े छात्र संगठनों में से एक है और छात्र हित, शिक्षा सुधारों, तथा राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के मुद्दों को उठाता है, साथ ही विभिन्न शैक्षणिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहता है।