क्या कर्नाटक में परिवहन कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से जनजीवन प्रभावित होगा?

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क्या कर्नाटक में परिवहन कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से जनजीवन प्रभावित होगा?

सारांश

कर्नाटक में परिवहन कर्मचारियों का हड़ताल आंदोलन तेज हो गया है। 5 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण सार्वजनिक बस सेवाएं ठप हो गई हैं। यह स्थिति राज्य के विभिन्न जिलों में आम जनता के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर रही है। जानिए इस हड़ताल के कारण और इसके प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • कर्नाटक में परिवहन कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है।
  • यह हड़ताल सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को प्रभावित कर रही है।
  • कर्मचारी संघ की मांगें 38 महीने का बकाया भुगतान और वेतन वृद्धि हैं।
  • सरकार ने हड़ताल को समाप्त करने के लिए प्रयास किए हैं।
  • हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने की आवश्यकता है।

बेंगलुरु, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक सरकार के खिलाफ परिवहन कर्मचारियों का आंदोलन और तेज हो गया है। राज्य के स्वामित्व वाले परिवहन निगमों के कर्मचारी संघ ने 5 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया, जिसका प्रभाव मंगलवार सुबह से स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। कर्नाटक में परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण विभिन्न जिलों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं।

कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) और उत्तर पश्चिम कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (एनडब्ल्यूकेआरटीसी) की बसें मंगलवार को सड़कों पर नहीं दिखाई दीं, जिसके चलते आमजन को गंभीर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। धारावाड़, हुबली, गडग और मांड्या समेत राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में हड़ताल का प्रभाव देखा जा रहा है।

परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल से अनजान ग्रामीण इलाकों से आए लोग बस स्टेशनों पर बैठे हुए हैं। धारवाड़ जिले में केएसआरटीसी और हुबली-धारवाड़ बीआरटीएस की सेवाएं पूरी तरह से बंद होने के कारण यात्री परेशानी का सामना कर रहे हैं। कई लोग मजबूरी में निजी बसों और वाहनों का सहारा ले रहे हैं। गडग जिले में भी एनडब्ल्यूकेआरटीसी की 561 बसें, जो 8 डिपो से हर दिन चलती थीं, मंगलवार को सड़कों पर नहीं दिखीं।

हुबली में एनडब्ल्यूकेएसआरटीसी की प्रबंध निदेशक एम. प्रियंगा ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि यात्रियों को परेशानी से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि परिवहन एक आवश्यक सार्वजनिक सेवा है और कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाना चाहिए और सरकार इस मुद्दे पर सकारात्मक रूप से उत्तर दे चुकी है।

कर्मचारी संघ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्हें 38 महीने का बकाया भुगतान किया जाए और 1 जनवरी 2024 से वेतन वृद्धि लागू की जाए। हालांकि, कर्नाटक सरकार ने इन कर्मचारियों को मनाने के प्रयास किए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने सोमवार को कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, लेकिन यह बैठक निष्फल रही। इसके बाद 5 अगस्त को कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

Point of View

बल्कि आम जनता की दिनचर्या पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। सरकार को इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि जनजीवन सामान्य रह सके।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक में हड़ताल का कारण क्या है?
कर्मचारी संघ ने 38 महीने के बकाया वेतन और 1 जनवरी 2024 से वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल की है।
हड़ताल के कारण सार्वजनिक परिवहन पर क्या असर पड़ा है?
हड़ताल के कारण कर्नाटक के कई जिलों में सार्वजनिक बस सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं।
क्या सरकार ने हड़ताल को खत्म करने के लिए कदम उठाए हैं?
हां, मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री ने कर्मचारियों से बातचीत की है, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही।