क्या केरल में बीएलओ की आत्महत्या ने कर्मचारियों के विरोध को जन्म दिया?
सारांश
Key Takeaways
- बीएलओ की आत्महत्या ने गंभीर चिंताओं को जन्म दिया है।
- कर्मचारी संगठनों का काम का दबाव कम करने की मांग है।
- राज्य प्रशासन ने आरोपों को खारिज किया है।
कन्नूर, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान एक बीएलओ के कथित आत्महत्या के मामले ने चर्चा का विषय बना लिया है। इस घटना के विरोध में राज्य के कर्मचारी संगठनों ने सोमवार को ड्यूटी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
बीएलओ अनीश जॉर्ज की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारी, शिक्षकों की कार्य परिषद और शिक्षक सेवा संगठन ने प्रदर्शन किया है। इसके परिणामस्वरूप, इन संगठनों ने सोमवार को कार्य बहिष्कार की घोषणा की है।
संगठनों के बयान में कहा गया है कि कन्नूर-पय्यान्नूर निर्वाचन क्षेत्र के एट्टुकुडका स्थित बूथ संख्या-18 के बूथ लेवल अधिकारी और कुन्नारू एयूपी स्कूल के कार्यालय परिचारक अनीश जॉर्ज की आत्महत्या के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि मतदाता सूची में संशोधन को लेकर बीएलओ पर भारी दबाव है। स्थानीय निकाय चुनावों के काम के कारण उन पर और भी दबाव बढ़ गया है। सभी राजनीतिक दलों और सेवा संगठनों ने एसआईआर को स्थगित करने की मांग की है, लेकिन चुनाव आयोग इसके लिए तैयार नहीं है, जिससे बीएलओ के लिए काम का बोझ असंभव हो गया है। यह स्थिति आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है।
अनीश जॉर्ज, जो स्कूल अटेंडेंट और बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) दोनों के कार्यभार संभाल रहे थे, का शव रविवार को कंकोल-अलप्पादम्बा ग्राम पंचायत के एट्टुकुडुक्का स्थित उनके घर में मिला। उनकी उम्र लगभग 41 वर्ष थी।
यह भी कहा जा रहा है कि अनीश जॉर्ज एसआईआर के कार्यभार से अत्यधिक तनाव में थे, जिससे उन्होंने आत्महत्या की। हालांकि, जिला प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि कार्य से संबंधित कोई परेशानी नहीं मिली है। फोन रिकॉर्ड में भी काम के दबाव का कोई संकेत नहीं था।