क्या खादी महोत्सव में 3.20 करोड़ की रिकॉर्ड बिक्री हुई है?
सारांश
Key Takeaways
- खादी महोत्सव-2025 में 3.20 करोड़ रुपए की बिक्री हुई।
- बिक्री में 42% की वृद्धि दर्ज की गई।
- 32 खादी संस्थाएं और 120 ग्रामोद्योग ने भाग लिया।
- युवाओं की उपस्थिति ने बिक्री को नया आयाम दिया।
- स्थानीय शिल्प और प्राकृतिक उत्पादों की रेंज को सराहा गया।
लखनऊ, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोमतीनगर में स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित 10 दिवसीय खादी महोत्सव-2025 ने इस बार बिक्री का एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। 'धागे से धरोहर तक' के थीम पर हुए इस आयोजन में कुल कारोबार 3.20 करोड़ रुपए तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष की 2.25 करोड़ रुपए की तुलना में लगभग 42 प्रतिशत अधिक है।
आखिरी दिन ग्राहकों का दबाव सबसे ज्यादा देखा गया और देर शाम तक स्टॉलों पर भीड़ बनी रही। इस बार खादी वस्त्र, हर्बल उत्पाद, जूट हस्तशिल्प और माटी कला ग्राहकों की पहली पसंद बने रहे।
महोत्सव में खादी संस्थाओं के 32, ग्रामोद्योग के 120 और माटी कला के 8 स्टॉल सहित कुल 160 उद्यमियों ने भाग लिया।
लखनऊ, मुजफ्फरनगर, बाराबंकी, गोरखपुर समेत विभिन्न जिलों से आए कारीगरों ने बताया कि इस वर्ष न केवल भीड़ बढ़ी, बल्कि खरीदारी के प्रति उत्साह भी पहले से ज्यादा देखा गया।
स्वराज्य आश्रम के प्रेम कुमार, ग्राम सेवा संस्थान के सतेंद्र कुमार, मुजफ्फरनगर के अब्बास अंसारी, जूट आर्टिजन्स की अंजलि सिंह, बाराबंकी के प्रेमचंद्र और रॉयल हनी के प्रो. नितिन सिंह के अनुसार इस बार 'युवा ग्राहकों की उपस्थिति' विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, जिसने बिक्री को नया आयाम दिया।
पूरे आयोजन में युवाओं, छात्रों और महिलाओं की लगातार उपस्थिति रही। आगंतुकों ने बताया कि एक ही जगह पर खादी, स्थानीय शिल्प और प्राकृतिक उत्पादों की इतनी व्यापक रेंज मिलना एक दिलचस्प और भरोसेमंद अनुभव रहा।
समापन अवसर पर बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शिशिर ने उद्यमियों और आयोजन टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि खादी अब केवल परिधान का विकल्प नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक उपभोक्ता दोनों की साझा पहचान बन चुकी है।