क्या खेल को राजनीति में नहीं लाना चाहिए? : सीपीआई (एम) नेता एमए बेबी

सारांश
Key Takeaways
- खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए।
- खेल से मनोरंजन होता है, न कि विवाद।
- संजय राउत के बयान पर एमए बेबी की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है।
- अगले चुनावों पर सीपीआई (एम) का फोकस है।
- वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सीपीआई (एम) नेता एमए बेबी ने एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए क्रिकेट मैच को लेकर विपक्ष की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा कि खेल और राजनीति दो अलग-अलग विषय हैं। खेल से मनोरंजन होता है, इसलिए इसे राजनीति में नहीं लाना चाहिए।
यह बयान उस समय आया जब भारत ने एशिया कप में पाकिस्तान को सात विकेट से हराया।
इस मैच के बाद शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ खेलना एक अपराध और देशद्रोह है। उनके अनुसार, क्रिकेट के मैदान पर रविवार को जो हुआ वह फिक्स मैच था। इस मैच पर डेढ़ लाख करोड़ रुपए का सट्टा लगा था, जिसमें पाकिस्तान को भी हिस्सा मिला होगा। कल के मैच के कारण पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कम से कम एक हजार करोड़ रुपए मिले होंगे।
जब एमए बेबी से संजय राउत के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि खेल को खेल की भावना से ही देखना चाहिए। राजनीति अपनी जगह है और खेल अपनी। इन दोनों का एक दूसरे से तुलना करना उचित नहीं है।
सीपीआई (एम) की तीन दिवसीय बैठक पर उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बैठक में आगामी राज्यों के विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां मजबूती के साथ चुनाव लड़ा जाएगा। महागठबंधन कैसे भाजपा को हराए, इस पर सार्थक चर्चा हुई। हालांकि, जब उनसे सीट शेयरिंग के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने टाल दिया। उन्होंने कहा कि इसकी चर्चा पार्टी नेतृत्व में की जाएगी, उसके बाद ही इसकी घोषणा होगी।
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले पर उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। केंद्र सरकार द्वारा वक्फ में जो संशोधन लाया गया है, कोर्ट का यह अंतरिम फैसला उन पर गहरा प्रहार है। हमें उम्मीद है कि जब कोर्ट का अंतिम फैसला आएगा, तो इसमें सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा।