क्या राबड़ी आवास को खाली करने का आदेश उचित है?
सारांश
Key Takeaways
- राबड़ी देवी के आवास को खाली करने का आदेश विवादित है।
- राजद ने इसे राजनीतिक विद्वेष बताया है।
- नीतीश कुमार पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि उन्होंने अब तक यह आवास क्यों नहीं खाली कराया।
पटना, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड आवास को खाली करने के सरकारी आदेश पर राष्ट्रीय जनता दल ने नाराज़गी जताई है। बिहार भवन निर्माण विभाग ने इस सरकारी आवास को खाली करने के लिए नोटिस भेजा है। इस बीच, बुधवार को राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी हालात में राबड़ी देवी का आवास नहीं खाली किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "हम किसी भी स्थिति में राबड़ी आवास को खाली नहीं करेंगे। इसके लिए जो कुछ भी करना होगा, वह किया जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार 20 वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं, तो अब तक यह आवास क्यों नहीं खाली कराया गया? लालू यादव और राबड़ी देवी दोनों पूर्व मुख्यमंत्री हैं। यह लालू परिवार का अपमान करने की साज़िश है। यह जानबूझकर और राजनीतिक द्वेष के कारण लिया गया निर्णय है।
दरअसल, बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने मंगलवार शाम को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को उनका सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड खाली करने का आदेश दिया है। उन्हें अब 39 हार्डिंग पार्क आवास आवंटित किया गया है।
इस आदेश के बाद लालू यादव की पुत्री रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सुशासन बाबू का विकास मॉडल। करोड़ों लोगों के मसीहा लालू प्रसाद यादव का अपमान करना पहली प्राथमिकता है। घर से तो निकाल देंगे, लेकिन बिहार की जनता के दिल से कैसे निकालेंगे? यदि सेहत नहीं है, तो कम से कम लालू जी के राजनीतिक कद का सम्मान करें।"
इसे लेकर जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि उम्र के चौथे पड़ाव पर लालू यादव माया के चक्कर में पड़ गए हैं। परिवार की माया ने उन्हें न्यायपालिका तक पहुंचा दिया, संपत्ति की माया के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा। अब सरकारी बंगले की माया उन्हें घेर रही है।