क्या चक्रासन पीठ, हाथ, पैर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है? जानें इसके फायदे
सारांश
Key Takeaways
- चक्रासन से शारीरिक लचीलापन बेहतर होता है।
- यह मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
- प्राकृतिक पाचन में सुधार करता है।
- इससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। योग न केवल हमारे स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि यह हमारी मानसिक शांति और सक्रियता को भी बढ़ाता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण आसन है 'चक्रासन'। यह आसन रीढ़, कमर, आंखों समेत पूरे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है।
इस आसन को करने के लिए शरीर को पहिए के आकार में मोड़कर किया जाता है। रोजाना चक्रासन करने से कब्ज से राहत, तनाव और चिंता में कमी सहित कई शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं।
चक्रासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर कूल्हों के पास लाएं। फिर अपने दोनों हाथों को सिर के पास ले जाएं। हथेलियां जमीन पर और उंगलियां कंधों की ओर हों। इसके बाद, सांस लेते हुए हथेलियों और पैरों पर जोर देकर शरीर को ऊपर उठाएं। सिर को आराम से पीछे की ओर लटकाएं। 10 से 20 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे स्थिति में वापस लौटें।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, चक्रासन एक ऐसा आसन है जिसके नियमित अभ्यास से शारीरिक लचीलापन बढ़ता है, मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और पाचन में सुधार होता है।
चक्रासन को करने के लिए शरीर को पीछे की ओर मोड़कर पहिए जैसा आकार दिया जाता है। यह पीठ, हाथ, पैर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। साथ ही यह शरीर की लचीलापन और मुद्रा में सुधार करता है। योग विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित अभ्यास से यह आसन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
नियमित चक्रासन से न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि चक्रासन कई लाभ देता है, लेकिन इसके अभ्यास से पहले कई सावधानियां रखनी चाहिए। चक्रासन खाली पेट करना चाहिए। प्रेग्नेंट महिलाओं, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग या क्रोनिक पेन से पीड़ित लोगों को इसे न करने की सलाह दी जाती है।