क्या अयोध्या पौल ने निरहुआ पर सही जवाब दिया?

सारांश
Key Takeaways
- महाराष्ट्र में भाषा का विवाद जारी है।
- अयोध्या पौल ने निरहुआ को जवाब दिया।
- ठाकरे ब्रदर्स का एकजुट होना राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है।
मुंबई, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी के बीच विवाद समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। इस संदर्भ में, आजमगढ़ के पूर्व सांसद और भोजपुरी फिल्म अभिनेता एवं गायक दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने कहा कि मैं भी उत्तर भारतीय हूं, मुझ पर हमला करो, गरीब आदमी पर क्यों हमला कर रहे हो? इस पर शिवसेना (यूबीटी) की नेता अयोध्या पौल ने निरहुआ को कड़ा जवाब दिया।
अयोध्या पौल ने रविवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए निरहुआ के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो हमें यहां से निकालकर दिखाएं। अगर वे धमकी दे रहे हैं कि मराठी लोगों को यहां से बाहर निकाला जाए तो याद रखें कि अगर हमने शिवसेना या मराठी शैली में जवाब देना शुरू कर दिया तो उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि किसी भी भाषा का विरोध नहीं करना है, सभी भाषाओं का सम्मान करना है। यदि कोई हमारी भाषा का अपमान करेगा तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर उनका व्यवहार नहीं बदला तो हम शिवसेना के तरीके से जवाब देंगे।
अयोध्या पौल ने ठाकरे ब्रदर्स के एकजुट होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि यदि दोनों ठाकरे भाई एक साथ आते हैं, तो महायुति की बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव में हार निश्चित होगी। यही कारण है कि बीजेपी के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर नाराज नजर आ रहे हैं। इस बौखलाहट में उन्हें महाराष्ट्र में 'जय गुजरात' जैसे नारे लगाने पड़ रहे हैं। यह राजनीतिक मजबूरी और लाचारी को दर्शाता है। आने वाले समय में ठाकरे ब्रदर्स न केवल बीएमसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति को भी नई दिशा देंगे।