क्या भारत की विदेश नीति स्पष्ट है, क्या किसी भी आतंकी घटना को युद्ध माना जाएगा?: आरपी सिंह

सारांश
Key Takeaways
- भारत की नीति आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति से हुई बातचीत महत्वपूर्ण है।
- किसी भी आतंकी घटना को युद्ध माना जाएगा।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कनाडा दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ आतंकवाद पर 35 मिनट की गहन बातचीत हुई। इस वार्ता में किसी भी आतंकवादी घटना को युद्ध के रूप में मानने की बात की पुष्टि की गई। इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने बुधवार को भारत की विदेश नीति की सराहना की।
भाजपा प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा, "भारत की नीति पूरी तरह से स्पष्ट है। अब किसी भी प्रकार की आतंकी घटना को युद्ध की तरह समझा जाएगा और इसे पाकिस्तान द्वारा छेड़े गए युद्ध के रूप में लिया जाएगा।"
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक हालिया पोस्ट को लेकर भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, "मेरा दृष्टिकोण स्पष्ट है कि कुछ लोग जिस तरह की भाषा का उपयोग कर रहे हैं, मुझे लगता है कि पाकिस्तान ने चाइना को गधे निर्यात करते थे और कांग्रेस के समय में जो एमओयू साइन हुआ था, उसके तहत चीन ने कुछ गधे भारत भेजे थे। मैंने इसी संदर्भ में पोस्ट किया।"
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच बातचीत हुई है। दोनों नेताओं की जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात होनी थी, लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प को जल्दी अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद, राष्ट्रपति ट्रम्प के अनुरोध पर दोनों नेताओं ने फोन पर लगभग 35 मिनट तक चर्चा की। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद यह पहली बातचीत थी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बातचीत की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि मोदी ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर स्पष्ट किया है कि इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत ने कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और भविष्य में भी ऐसी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।