क्या चुनाव आयोग पर आरोप लगाना कांग्रेस की आदत बन गई है? : कविंदर गुप्ता

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस की चुनाव आयोग पर आरोप लगाने की आदत
- बिहार चुनाव में कांग्रेस की स्थिति का विश्लेषण
- राजनीतिक बयानबाजी का प्रभाव
जम्मू, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाना जारी है। विपक्ष इसे गरीबों और वंचितों के अधिकारों का हनन करार दे रहा है।
बिहार में चुनाव आयोग और इंडी अलायंस के बीच मतदाता सत्यापन को लेकर विवाद में, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने पहले महाराष्ट्र में जनादेश छीना और अब बिहार में मताधिकार। राहुल ने कहा कि बस तरीका बदला है, साजिश वही पुरानी है। इस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कविंदर गुप्ता ने प्रतिवाद करते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने कभी आपातकाल लगाया था। कभी संविधान की बात करते हैं, कभी कुछ और। उन्हें अपनी हार सुनिश्चित दिख रही है, इसलिए वे बयानबाजी कर रहे हैं।
बिहार चुनाव के संदर्भ में, कविंदर गुप्ता ने यह भी कहा है कि कांग्रेस पार्टी अब बिहार में चौथे नंबर की पार्टी बनकर रह गई है। चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता बयानबाजी कर रहे हैं ताकि इंडी अलायंस में सीट बंटवारे के दौरान उन्हें कुछ अतिरिक्त सीटें मिल सकें। कांग्रेस को अपनी हकीकत का पता है कि बिहार चुनाव में उनकी स्थिति बुरी होने वाली है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि चुनावों के समय चुनाव आयोग को भ्रष्ट कहना और मशीनों में गड़बड़ी का आरोप लगाना कांग्रेस की आदत बन गई है। हारने के डर से वे पहले से ही लोगों को बता देते हैं कि वे जीतने वाले नहीं हैं। यही कारण है। कांग्रेस को गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है। राहुल गांधी कभी संविधान की बात करते हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने कभी आपातकाल लगाया था। चुनाव जीतते हैं तो आरोप नहीं लगाते, हारने के बाद आरोप लगाना शुरू कर देते हैं। बिहार में कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी बनकर रह गई है। चुनाव आयोग के खिलाफ बयानबाजी सिर्फ एक राजनीतिक एजेंडा है जिसके तहत राजद से कुछ सीटें और मिल जाएं।
हाल ही में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि जितनी सीटें कांग्रेस को मिलेंगी, वे चुनाव लड़ेंगे।