क्या महाराष्ट्र में दूसरे राज्यों के लोगों के साथ बदसलूकी करना उचित है?

Click to start listening
क्या महाराष्ट्र में दूसरे राज्यों के लोगों के साथ बदसलूकी करना उचित है?

सारांश

महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अन्य राज्यों के लोगों के प्रति बढ़ती बदसलूकी की निंदा की है। उन्होंने सभी लोगों के साथ समानता और सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया। जानिए इस मामले में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • बदसलूकी के मामलों पर सख्त नजर रखी जानी चाहिए।
  • हर व्यक्ति को सम्मान का अधिकार है।
  • राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक है।
  • भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है।
  • समाज में एकता और समरसता की आवश्यकता है।

मुंबई, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रदेश में अन्य राज्यों से आए लोगों के प्रति हो रही बदसलूकी की कड़ी निंदा की। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बावनकुले ने कहा, "महाराष्ट्र में जन्मे और वर्षों से रह रहे लोगों के साथ मारपीट और भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि महाराष्ट्र सभी लोगों का है। अगर हम ऐसा करेंगे, तो हमें यह भी याद रखना होगा कि हमारे राज्य के लोग भी अन्य राज्यों में रह रहे हैं और उनके साथ भी ऐसा दुर्व्यवहार हो सकता है।"

उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से चर्चा करने का इरादा जताया और कहा कि ऐसी घटनाएं देश में अराजकता का कारण बन सकती हैं। मंत्री ने कहा, "महाराष्ट्र में रहने वाले लोग, जिनका जन्म यहीं हुआ और जिनके नाम मतदाता सूची में हैं, उनके साथ हिंसा या पाकिस्तान जैसा व्यवहार करना गलत है। मराठी लोगों का सम्मान और संरक्षण जरूरी है, लेकिन बाहर से आए लोगों पर हमला करना पूरी तरह गलत है।" उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मानसिकता को नहीं रोका गया, तो यह देश में अराजकता को बढ़ावा देगी।

बावनकुले ने आगे कहा, "हमारे लोग गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार में रहते हैं। यदि वहां भी उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया, तो यह ठीक नहीं होगा। बाहर से आए लोगों को सम्मान के साथ रहने का अधिकार है, लेकिन अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसी घटनाओं की सूचना पुलिस को दें ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे।

गौरतलब है कि हाल ही में महाराष्ट्र के भायंदर में एक राजस्थानी मूल के नागरिक के साथ मारपीट की गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि क्योंकि वह मराठी भाषा बोलना नहीं जानता था, इसलिए उसे पीटा गया। 30 जून को ठाणे में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जहां मराठी में बात न करने पर एक दुकानदार से मारपीट के मामले में एमएनएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि समाज में समरसता और एकता बनाए रखना जरूरी है। भेदभाव और हिंसा से केवल अराजकता बढ़ती है। सभी लोगों को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

महाराष्ट्र में बदसलूकी के मामलों की संख्या क्या है?
हाल ही में कुछ घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन सटीक संख्या का आकलन करना मुश्किल है।
क्या मंत्री ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाने की बात की?
मंत्री ने मुख्यमंत्री से चर्चा करने का इरादा जताया है और पुलिस से लोगों को रिपोर्ट करने की अपील की है।