क्या नगर निगम मतदाता सूची में त्रुटि के लिए ईसीआई को जिम्मेदार ठहराना उचित है?

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क्या नगर निगम मतदाता सूची में त्रुटि के लिए ईसीआई को जिम्मेदार ठहराना उचित है?

सारांश

क्या यूपी कांग्रेस का चुनाव आयोग पर आरोप सही है? जानिए कैसे नगर निगम की मतदाता सूची में गड़बड़ियों के पीछे की सच्चाई। इस मुद्दे पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी का क्या कहना है, और कांग्रेस के दावों की वास्तविकता क्या है।

Key Takeaways

  • नगर निगम की मतदाता सूची में त्रुटियों का होना सामान्य है।
  • चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना अनुचित है।
  • कांग्रेस के आरोपों का सही तरीके से जवाब देना आवश्यक है।
  • मतदाता सूची में फोटो का होना महत्वपूर्ण है।
  • राजनीतिक दलों को नैतिक जिम्मेदारी समझनी चाहिए।

लखनऊ, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यूपी कांग्रेस के उस पोस्ट का खंडन किया है, जिसमें मतदाता सूची में गड़बड़ी और 'वोट चोरी' का दावा किया गया है। कांग्रेस ने पोस्ट में भारतीय चुनाव आयोग पर सवाल उठाया, जिसका जवाब मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दिया है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि एक मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति के नाम पर 50 लोगों के नाम दर्ज हैं। इस लिस्ट के आधार पर कांग्रेस ने सीधे तौर पर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (यूपी सीईओ) ने कांग्रेस के इन आरोपों का खंडन किया है। आयोग का कहना है कि मतदाता सूची में त्रुटियां हो सकती हैं, लेकिन इसे सीधे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए इस्तेमाल करना उचित नहीं है। आयोग ने कहा कि एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दल की प्रदेश इकाई द्वारा इस मतदाता सूची में हुई त्रुटि के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर इशारा करना नैतिक रूप से उचित नहीं है।

यूपी कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक मतदाता सूची की फोटो शेयर की। कांग्रेस ने कहा, "वाराणसी में चुनाव आयोग का एक और चमत्कार देखिए। मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति 'राजकमल दास' के नाम पर 50 बेटों का रिकॉर्ड दर्ज है। सबसे छोटा बेटा राघवेन्द्र- उम्र 28 साल, और सबसे बड़ा बेटा बनवारी दास- उम्र 72 साल। क्या चुनाव आयोग इस गड़बड़ी को भी सिर्फ त्रुटि कहकर टाल देगा या मान लेगा कि फर्जीवाड़ा खुल्लमखुल्ला चल रहा है?"

पोस्ट में आगे लिखा गया, "वोट चोरी की यह घटना बता रही है कि सिर्फ बनारस के लोग ही नहीं, बल्कि पूरा लोकतंत्र ठगा गया है। चुनाव आयोग इसके लिए शपथ पत्र कब दे रहा है?"

कांग्रेस के इस पोस्ट पर जवाब देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी (यूपी) ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 के प्रावधानों के अनुसार लोकसभा एवं विधानसभा की निर्वाचक नामावली तैयार करने का कार्य भारत निर्वाचन आयोग करता है तथा अनुच्छेद 243 में पंचायतों के लिए एवं अनुच्छेद 243 य क में नगर निकायों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार करने का कार्य राज्य निर्वाचन आयोग करता है।

सीईओ ने पोस्ट में आगे बताया, "दिखाई गई मतदाता सूची के ऊपर नगर निगम निर्वाचक नामावली लिखा हुआ है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह मतदाता सूची नगर निगम की है ना कि लोकसभा अथवा विधानसभा की। दिखाई गई मतदाता सूची में मतदाताओं की फोटो नहीं है, जबकि लोकसभा एवं विधानसभा की मतदाता सूची में मतदाताओं की फोटो होती है।"

सीईओ ने एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के तौर पर कांग्रेस की ओर से भारत के निर्वाचन आयोग पर निशाना साधने को नैतिक तौर पर अनुचित बताया। आयोग ने पोस्ट में कहा, "ऐसी स्थिति में एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दल की प्रदेश इकाई द्वारा इस मतदाता सूची में हुई त्रुटि के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर इशारा करना नैतिक रूप से उचित नहीं है।"

बता दें कि विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, ने महाराष्ट्र, बिहार और अब उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाया है।

Point of View

जहाँ विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों का उत्तर देना चुनाव आयोग के लिए आवश्यक है। मतदाता सूची में गड़बड़ियों की संभावना हमेशा बनी रहती है, लेकिन इसे सही तरीके से संबोधित करना आवश्यक है।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या नगर निगम की मतदाता सूची में त्रुटि के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है?
नहीं, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, नगर निगम की मतदाता सूची में त्रुटियों के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराना अनुचित है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर कौन से आरोप लगाए हैं?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति के नाम पर 50 लोगों के नाम दर्ज हैं, जो 'वोट चोरी' का संकेत है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी का इस मामले पर क्या कहना है?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि मतदाता सूची में त्रुटियां हो सकती हैं, लेकिन इसे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
क्या यह पहली बार है जब कांग्रेस ने इस तरह के आरोप लगाए हैं?
नहीं, विपक्षी दलों ने पहले भी विभिन्न राज्यों में मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाया है।
नगर निगम की मतदाता सूची और चुनाव आयोग की मतदाता सूची में क्या अंतर है?
नगर निगम की मतदाता सूची में मतदाताओं की फोटो नहीं होती, जबकि चुनाव आयोग की मतदाता सूची में फोटो होती है।