क्या पूजा पाल को पार्टी से निकालना समाजवादी पार्टी की तुच्छ मानसिकता है? - डॉ. भोला सिंह

सारांश
Key Takeaways
- पूजा पाल की पार्टी से निकासी पर उठे सवाल।
- डॉ. भोला सिंह का भाजपा के प्रति समर्थन।
- समाजवादी पार्टी की मानसिकता पर आलोचना।
- महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में भाजपा के कदम।
- 2027 में सपा का सत्ता में आना केवल सपना।
बुलंदशहर, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और बुलंदशहर के सांसद डॉ. भोला सिंह ने समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल को पार्टी से निकालने पर सपा पर तीखा हमला किया। पूजा पाल ने विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की थी।
उन्होंने कहा कि विधायक पूजा पाल के पति की हत्या हो चुकी है। हमारी सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सरकार ने पूजा पाल को न्याय दिलाने का काम किया है। अगर उन्होंने तारीफ की तो यह कोई अपराध नहीं है। समाजवादी पार्टी की सोच छोटी और तुच्छ है।
उन्होंने सपा से पूछा कि क्या पूजा पाल को सपा के सत्ता में आने का इंतजार करना चाहिए, ताकि उन्हें न्याय मिले? उन्होंने दावा किया कि 2027 में भी सपा का सत्ता में आना केवल एक सपना रहेगा। समाजवादी पार्टी का स्वरूप हाथी के दांत की तरह है, जो दिखाने में कुछ और और खाने में कुछ और हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सपा की मानसिकता, विचार और दृष्टिकोण नहीं बदल सकते। यदि उन्हें महिला विधायक की बातों पर आपत्ति है, तो किस बात का पीडीए? भाजपा की सरकार महिलाओं को सम्मान देने का कार्य करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबके विश्वास की बात करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गरीबों, किसानों, युवाओं और हर वर्ग को सम्मान देने का कार्य करती है। हमारी सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। देश के नए संसद भवन में पहला विधेयक महिलाओं के आरक्षण से शुरू हुआ। वहीं, केंद्र सरकार गरीबों और किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। प्रधानमंत्री आवास भी महिलाओं के नाम से बन रहा है।