क्या राहुल और तेजस्वी बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवक्ता बन गए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में वोटर वेरिफिकेशन का विवाद चल रहा है।
- गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि राहुल और तेजस्वी बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवक्ता हैं।
- सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुँच चुका है।
- तुष्टिकरण की राजनीति पर विपक्ष पर आरोप लगाए गए हैं।
- संविधान के अनुसार किसी का हक नहीं छीनना चाहिए।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में वोटर वेरिफिकेशन को लेकर विवाद जारी है। जबकि विपक्ष इसे गरीबों और वंचितों के खिलाफ एक साजिश मानता है, चुनाव आयोग इसे एक नियमित प्रक्रिया बता रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुका है। इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता गौरव वल्लभ ने लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को बांग्लादेशी घुसपैठियों का प्रवक्ता करार दिया है।
शुक्रवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी बिहार के युवाओं का हक बांग्लादेशी घुसपैठियों को देना चाहते हैं। उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि बिहार के विकास के लिए दिल्ली से भेजा गया पैसा इन घुसपैठियों पर खर्च किया जाए। बिहार के लोगों को मिलने वाला वोट का अधिकार भी इन घुसपैठियों को देना चाहते हैं, लेकिन भारत का संविधान, भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ऐसा कभी नहीं होने देंगे। बिहार के युवाओं का हक बांग्लादेशी घुसपैठियों को कतई नहीं दिया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार में बांग्लादेश के प्रवक्ता बनकर घूम रहे हैं। वे बिहार के लोगों की बात नहीं कर रहे हैं। बिहार के लोगों का विकास कैसे हो? उस पर चर्चा नहीं हो रही है। चर्चा का विषय केवल यह है कि कैसे बांग्लादेशी घुसपैठियों को अधिकार दिलाया जा सके।
भाजपा नेता ने इंडी अलायंस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ही नहीं, बल्कि पूरा विपक्ष एक ही एजेंडे के तहत काम कर रहा है, और वह है तुष्टिकरण की राजनीति। इस राजनीति के तहत बांग्लादेशी घुसपैठियों को बिहार का हक देना चाहते हैं। भाजपा नेता ने चेतावनी दी कि बिहार के लोगों का हक केवल उन्हें ही मिलेगा।
गौरव वल्लभ ने कहा कि भारत के संविधान में यह व्यवस्था है कि किसी का हक नहीं छीन सकते हैं। तेजस्वी और राहुल गांधी को याद रखना चाहिए कि यह नया भारत है, जहां संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री फैसले लेते हैं। बिहार में राज्य की सरकार निर्णय लेती है। यहाँ जंगलराज के निर्णय नहीं होते, बल्कि संविधान के अनुसार निर्णय किए जाते हैं।