क्या रक्षा मंत्री सिंध पर अपनी नीति स्पष्ट करेंगे?: संदीप दीक्षित

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क्या रक्षा मंत्री सिंध पर अपनी नीति स्पष्ट करेंगे?: संदीप दीक्षित

सारांश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पाकिस्तान के सिंध प्रांत पर दिए गए बयान पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने मुद्दे की गहराई पर विचार करते हुए स्पष्टता मांगी है। क्या सरकार वास्तव में अपनी नीति में बदलाव कर रही है? जानिए इस महत्वपूर्ण बयान के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • राजनाथ सिंह के बयान पर संदीप दीक्षित की तीखी प्रतिक्रिया।
  • सिंध का भारत के इतिहास में महत्व।
  • सरकार की कश्मीर नीति पर सवाल उठाए गए।
  • व्यक्तिगत आस्था का मुद्दा।
  • राजनीतिक बयानबाजी और उसके प्रभाव।

नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा पाकिस्तान के सिंध प्रांत को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री को अपने बयान पर नीति स्पष्ट करनी चाहिए।

संदीप दीक्षित ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि रक्षा मंत्री को अपने बयान की मंशा स्पष्ट करनी चाहिए, क्योंकि सिंध विभाजन से पहले भारत का हिस्सा था और बाद में पाकिस्तान में चला गया।

उन्होंने सवाल उठाया, "क्या रक्षा मंत्री यह संकेत दे रहे हैं कि हम सिंध को पुनः ग्रहण करना चाहते हैं या उसे भारत में मिलाना चाहते हैं? यदि ऐसा कोई विचार है, तो देश को स्पष्टता से बताया जाना चाहिए।"

कांग्रेस नेता ने सरकार की कश्मीर नीति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान सरकार के कथित रक्षा विशेषज्ञों ने यह दावा किया था कि यदि भारतीय सेना को छूट मिल जाए, तो पीओके वापस आ सकता है।

उन्होंने पूछा, "यदि पीओके हमारे कब्जे में आ सकता था, तो सीजफायर की आवश्यकता क्यों पड़ी? आज अचानक सिंध का मुद्दा क्यों उठ रहा है? क्या सरकार वास्तव में अपनी नीति में बदलाव कर रही है?"

दीक्षित ने कटाक्ष करते हुए कहा, "यदि मेरी इच्छा हो कि बीजिंग भारत का हिस्सा बन जाए, तो क्या इसका कोई अर्थ है? सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए कि वह क्या संदेश देना चाहती है।"

वास्तव में, सिंधी समाज सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि सिंध की भूमि आज भले ही भारत का हिस्सा न हो, लेकिन सभ्यता और संस्कृति के दृष्टिकोण से वह हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा।

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी की अनुपस्थिति को लेकर भाजपा के हमलावर रुख पर भी संदीप दीक्षित ने प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, "राहुल गांधी कहाँ जाते हैं और कहाँ नहीं, इससे क्या फर्क पड़ता है? हर व्यक्ति की अपनी जरूरतें और कार्यक्रम होते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि सीजेआई संविधान के मूल्यों को सर्वोपरि रखते हुए न्याय करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं। इसी को लेकर भाजपा ने आरोप लगाया है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और राहुल गांधी श्रीराम के दर्शन करने नहीं आते।

इस पर संदीप दीक्षित ने कहा कि कौन किस मंदिर में जाता है, यह उसकी व्यक्तिगत आस्था का विषय है। मेरा मानना है कि भाजपा के कई लोग केवल दिखावे के लिए मंदिर जाते हैं।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम राजनीति में स्पष्टता को महत्व दें। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का बयान सरकार की नीति पर सवाल उठाता है, जो हमारे देश की सुरक्षा और एकता के लिए महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे नेताओं की नीति स्पष्ट और संक्षिप्त हो।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या संदीप दीक्षित ने राजनाथ सिंह के बयान पर कोई विशेष टिप्पणी की?
हाँ, संदीप दीक्षित ने कहा कि रक्षा मंत्री को अपने बयान की मंशा स्पष्ट करनी चाहिए।
क्या सिंध भारत का हिस्सा था?
हाँ, सिंध विभाजन से पहले भारत का हिस्सा था।
क्या राजनाथ सिंह ने सिंध को लेकर कोई विशेष बात कही थी?
हां, उन्होंने कहा कि सिंध सभ्यता और संस्कृति के दृष्टिकोण से हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा।
संदीप दीक्षित ने कश्मीर नीति पर क्या सवाल उठाए?
उन्होंने कहा कि सरकार के रक्षा विशेषज्ञों ने दावा किया था कि भारतीय सेना को छूट मिल जाए तो पीओके वापस आ सकता है।
क्या सरकार अपनी नीति में बदलाव कर रही है?
यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार वास्तव में अपनी नीति में बदलाव कर रही है।
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