क्या 'ठाकरे ब्रदर्स' को मराठी मानुस की चिंता है? भाषा पर कर रहे राजनीति: शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े

सारांश
Key Takeaways
- भाषा विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति को गर्म कर दिया है।
- ठाकरे ब्रदर्स का एकजुट होना चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
- कृष्णा हेगड़े ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि ठाकरे परिवार को मराठी मानुस की चिंता नहीं है।
- शेफाली जरीवाला की मृत्यु पर न्याय की मांग की गई है।
- महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठते हुए, कोलकाता में सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
मुंबई, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर सियासत अपने चरम पर है। इस मुद्दे पर ठाकरे ब्रदर्स (उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे) के एक साथ आने पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने शनिवार को तीखा हमला किया। उन्होंने इसे राजनीति का हिस्सा बताया।
महाराष्ट्र में हिंदी भाषा के खिलाफ उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इसको मराठी वोट बैंक के संदर्भ में देखने के सवाल पर हेगड़े ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा, "मराठी हमारी राजभाषा है और सरकार का कार्य मराठी में ही संचालित होता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिक्षा नीति पर पुनर्विचार की बात कही है।"
इस गंभीर मुद्दे पर ठाकरे परिवार द्वारा राजनीति करने के आरोप लगाते हुए हेगड़े ने कहा, "ठाकरे ब्रदर्स केवल बीएमसी चुनाव को ध्यान में रखते हुए स्टंटबाजी कर रहे हैं। उन्हें मराठी मानुष की चिंता नहीं है। मराठी जनता जानती है कि उनके लिए असली काम एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और दादा (अजित पवार) की सरकार ने किया है। राज ठाकरे की पार्टी को पिछले चुनाव में कोई विधायक नहीं मिला, और उद्धव ठाकरे की ताकत भी सीमित हो गई है।"
बॉलीवुड एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए हेगड़े ने कहा, "वह एक युवा और लोकप्रिय अभिनेत्री थीं, और उनकी कार्डियक अरेस्ट से हुई मृत्यु चौंकाने वाली है। यह विश्वास करना मुश्किल है कि इतनी ऊर्जावान परफॉर्मर का अचानक निधन हो गया। मुंबई पुलिस को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और फॉरेंसिक टीम को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई साजिश तो नहीं है। उनकी मृत्यु के पीछे की सच्चाई सामने आनी चाहिए ताकि हर संदेह दूर हो सके और न्याय हो।"
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म को शिवसेना प्रवक्ता ने अमानवीय करार दिया। उन्होंने कहा, "महिला के साथ गैंगरेप और वीडियो बनाने की घटना अत्यंत दुखद और गंभीर है। यदि आरोपी किसी प्रभावशाली या सरकार से जुड़े परिवार से है, तो यह और भी चिंताजनक है। ममता बनर्जी सरकार में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं, जिससे महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।" उन्होंने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि न्याय हो और अपराधियों को संरक्षण न मिले।