क्या लालू-तेजस्वी का 'जमीन दो और नौकरी लो' मॉडल सही है?
सारांश
Key Takeaways
- राजद का 'जमीन दो, नौकरी लो' मॉडल विवादास्पद है।
- रविशंकर प्रसाद ने तेजस्वी यादव के वादों पर सवाल उठाए।
- बिहार में सरकारी नौकरी के लिए बजट की कमी है।
- नीतीश कुमार भाजपा के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।
- वक्फ कानून का निलंबन आसान नहीं है।
पटना, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के चुनावी वादों पर तीखा हमला किया है। उनका कहना है कि राजद की हताशा स्पष्ट है। ये केवल भ्रम का वातावरण बना सकते हैं। इनके पास एकमात्र मॉडल है, जो है लोगों से नौकरी के बदले में जमीन छीनना।
भाजपा सांसद ने मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव के नौकरी देने के वादे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने दावा किया कि हर परिवार को सरकारी नौकरी देंगे। बिहार में २ करोड़ ७० लाख परिवार हैं। अगर औसतन ३५-४० हजार रुपए मासिक वेतन की सरकारी नौकरी दी जाती है, तो इसके लिए १२ लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। बिहार का कुल बजट ३ लाख करोड़ रुपए है। वे इतनी राशि कहाँ से लाएंगे?
उन्होंने कहा कि राजद का दावा है कि वे १ करोड़ २६ लाख जीविका दीदियों को स्थायी करेंगे। बिहार के लोग इन झूठे वादों में न आएं। उनका एकमात्र मॉडल है, 'जमीन दो, नौकरी लो'। उनके पास कोई ठोस योजना नहीं है। वे आपकी जमीन छीन लेंगे, लेकिन नौकरी नहीं देंगे। राजद की लुभाने वाली बातें हताशा का परिणाम हैं, जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है।
तेजस्वी द्वारा भ्रष्टाचार और अपराध पर दिए गए बयानों पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि जो खुद धारा 420 के आरोपी हैं, उनके खिलाफ १० दिन पहले कोर्ट ने आरोप तय किए हैं। उनके पिता को पहले ही चारा घोटाले सहित अन्य मामलों में सजा मिल चुकी है। तेजस्वी पर 'नौकरी लो, जमीन दो' और रेलवे भर्ती घोटाले के मामले चल रहे हैं। उनके मुंह से अपराध और भ्रष्टाचार की बातें उचित नहीं लगतीं।
नीतीश कुमार को हाईजैक करने के बयान पर प्रसाद ने कहा कि मैं ऐसी हल्की बातों का जवाब नहीं देता। नीतीश कुमार हमारे साथ हैं और १९९६ से लालू-राबड़ी के भ्रष्टाचार के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं। वे हमारी ताकत हैं।
उन्होंने राजद नेताओं के महागठबंधन की सरकार बनने पर वक्फ कानून हटाने के दावे पर व्यंग्य किया और कहा कि कुछ लोग कानून पढ़ते नहीं, बस हवा में बातें करते हैं। वक्फ कानून संसद ने बनाया है और इसे वापस लेने का अधिकार भी संसद के पास है। सिर्फ बोलने से कुछ नहीं बदलता। वक्फ कानून ईमानदारी से बनाया गया है।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ की जमीन पर मॉल बनाए गए हैं, इस पर भी ध्यान देना चाहिए।