क्या मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है? : जीतू पटवारी
सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था गंभीर स्थिति में है।
- अलोकतांत्रिक गिरफ्तारियों पर सवाल उठाए गए हैं।
- वोटर लिस्ट में अनियमितताएं हो रही हैं।
- पुलिस पर हमले और भ्रष्टाचार की घटनाएं बढ़ रही हैं।
- कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है।
भोपाल, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है.
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, अलोकतांत्रिक गिरफ्तारियों और वोटर लिस्ट में हो रही अनियमितता के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने मंडीदीप की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां एक व्यक्ति पर यूरिन करने की शर्मनाक घटना इस बात का उदाहरण है कि मध्य प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है।
जीतू पटवारी ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि प्रदेश में अपराध का जीरो टॉलरेंस की बजाय जीरो कंट्रोल हो गया है। राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में लोग बस, रेस्टोरेंट और घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस पर हमले हो रहे हैं, और पुलिस लूट और भ्रष्टाचार में लिप्त पाई जा रही है।
नरसिंहपुर में कांग्रेस और सामाजिक कार्यकर्ता मंजीत घोषी की गिरफ्तारी पर जीतू पटवारी ने कहा कि केवल एक सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर की गई यह गिरफ्तारी पूरी तरह अलोकतांत्रिक और तानाशाही है। पुलिस ने परिवार को गुमराह किया और चोरी-छिपे दिल्ली ले गई। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक बड़े हमले के समान है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अपने हर कार्यकर्ता के साथ खड़ी है और घोषी के परिवार को हर संभव कानूनी और नैतिक सहायता प्रदान करेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि एसआईआर प्रक्रिया को सरकार और चुनाव आयोग ने जानबूझकर इतना जटिल बना दिया है कि आम नागरिक परेशान हैं। भोपाल और इंदौर में 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में फॉर्म नहीं बांटे गए, बीएलओ तक नहीं पहुंचे। निर्दोष लोगों के नाम हटाने की आड़ में ग़लत तरीके से नाम काटे जा रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीएलओ पर दबाव बनाकर नाम काटने की प्रक्रिया को गलत दिशा दी जा रही है। बीएलओ पर दबाव डाला जाता है कि नाम काटो। वे भी दबाव में सही नाम काटने लगते हैं। यही मानसिक उत्पीड़न हार्ट अटैक जैसी स्थिति पैदा कर रहा है।